काशी में मिले महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कराएगा सेंटर फॉर सनातन रिसर्च

डिजिटल डेस्क : काशी में मिले महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कराएगा सेंटर फॉर सनातन रिसर्च। काशी यानी वाराणसी में के मिले नए महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार एवं वहां पूजन आदि शुरू कराने के लिए सेंटर फॉर सनातन रिसर्च और ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट ने पहल की है।

पिछले दिनों वाराणसी के मदनपुरा इलाके के गोल चबूतरा क्षेत्र में वर्षों से बन्द पड़े पौराणिक सिद्धिश्वर महादेव के मन्दिर की जानकारी सामने आई थी। उसके बाद से इस पर विमर्श का क्रम चल पड़ा लेकिन अब खलुकर इसके सेवा के लिए सेंटर फॉर सनातन रिसर्च और ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट आगे आया है।

काशी में मिले पौराणिक सिद्धिश्वर महादेव मंदिर की कथा जानिए…

काशी के मदनपुरा में मिले पौराणिक सिद्धिश्वर महादेव मंदिर की पौराणेतिहासिक कथा को सेंटर फॉर सनातन रिसर्च और ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट ने साझा भी किया है।

ट्रस्ट के मुताबिक, – ‘प्राचीनकाल में काशी के हरिकेश वन में विद्यमान देवी-देवताओं के रक्षार्थ राजा मदनपाल जी ने काशी के प्रथम मुहल्ला को विकसित किया था। उसे ही आज मदनपुरा के नाम से जाना जाता है। उक्त गोलचबूतरा, मदनपुरा स्थान में अवस्थित देवलिंग और देवतीर्थ के वर्णन में काशीखण्ड ४ अध्याय 97 में कहा गया है कि-

तदग्निदिशि देवर्षिगणलिङ्गान्यनेकशः।
पुष्पदन्ताद्दक्षिणतः सिद्धीशः परसिद्धिदः॥ २४७
पञ्चोपचारपूजातः स्वप्ने सिद्धिं परां दिशेत् । २४८
पुष्पदन्तेश्वर से अग्निकोण पर देवता और ऋषिगण के स्थापित बहुतेरे लिंग विराजमान हैं। उक्त पुष्पदन्तेश्वर से दक्षिण परमसिद्धिप्रद सिद्धीश्वर हैं। यदि कोई उनकी पंचोपचार से पूजा करे, तो उसे वे स्वप्न में परमसिद्धि को बता देते हैं। वही समीप में सिद्धतीर्थ कूप भी विद्यमान है, जिसे लोग गोल चबूतरा बोलते हैं, वह सिद्धकूप / सिद्धतीर्थ है’।

काशी की फाइल फोटो
काशी की फाइल फोटो

अभिलेखों में इस मंदिर के सार्वजनिक हिंदू संपत्ति होने का मिला ब्योरा…

बताया जा रहा है कि जिस दिन इस मंदिर की जानकारी सनातनधर्मियों को हुई तो वे वहां जुट गए और शंखध्वनि करते हुए मंदिर का ताला खोलने की मांग करने लगे। तब प्रशासन ने कागजातों का अध्ययन करने के लिए हिंदू समाज से वक्त मांगा था। बाद में अभिलेखों के जांच उपरांत यह पाया गया कि यह मंदिर हम हिंदुओं की सार्वजनिक संपत्ति है।

सेंटर फॉर सनातन रिसर्च और ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट का कहना है कि इसी तथ्य के बारे में सरकारी अभिलेखों और समाचार पत्रों के माध्यम से भी स्पष्ट हुआ है।

काशी के सेंटर फॉर सनातन रिसर्च की बैठक में शामिल पदाधिकारी।
काशी के सेंटर फॉर सनातन रिसर्च की बैठक में शामिल पदाधिकारी।

सेंटर फॉर सनातन की मंदिर का ताला खोलने और पूजन की अनुमति देने की प्रशासन से मांग

अब इसी क्रम में वाराणसी के ही मालवीय बाग, सिद्धगिरी बाग स्थित कार्यालय में सेंटर फॉर सनातन रिसर्च और ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट के सदस्यों एवं पदाधिकारियों की अहम बैठक हुई। बैठक में तय हुआ कि सेंटर फॉर सनातन रिसर्च और ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट मदनपुरा में मिले पौराणिक सिद्धिश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार और पूजा पाठ कराएगा।

काशी विश्वनाथ कॉरी़डोर स्थित विशालाक्षी मंदिर के महंत राजनाथ तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस अहम बैठक में कुछ बिंदुओं पर कार्यनीति तय हुई।

विशालाक्षी मंदिर के महंत राजनाथ तिवारी ने बतया कि – ‘…बैठक में सेंटर और ट्रस्ट के पदाधिकारियों व सदस्यों ने समवेत स्वर में तय किया है कि इस संबंध में सेंटर और ट्रस्ट जल्द ही जिला प्रशासन से मिलकर जीर्णोद्धार और पूजन पाठ शुरू कराने की वैधानिक अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया जाए।

…ऐसा इसलिए क्योंकि सेंटर और ट्रस्ट का मानना है कि जब वहां यह स्पष्ट हो गया है कि वह मंदिर किसी वर्ग विशेष के स्वामित्व में नहीं है तो प्रशासन उसका ताला खोलने और पूजन पाठ की अनुमति दे’।

इस बैठक में सेंटर के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक द्विवेदी गणेश, सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा, सेंटर के प्रबंधक रामकृष्ण पांडेय, केशव प्रसाद सेठ, शंकर बोस, रवि प्रकाश राय, अवनीश दूबे, मुकुंद लाल अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

 

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