बीजापुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ की सरकार ने विस्थापान के लिए 21 गांवों को चुना है और विस्थापित होने वाले हरेक सदस्य को 15 रूपये देने की पेशकश की है। सरकार ने इंद्रावती टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के लिए 76 गांवों को खाली कराने की योजना बनाई है। योजना के तहत पहले चरण में 21 गांवों का चयन किया गया है। इसके लिए लोगों को एक सितंबर 2025 तक का समय दिया गया है और उन्हें 15 लाख रूपये या मुलभुत सुविधाओं के साथ बसाहट की सुविधा प्रदान की जाएगी।
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स्वेच्छा से विस्थापन के लिए लोगों को आवेदन करने का पहले समय 23 अगस्त तय की गई थी जो कि अब बढ़ा कर एक सितंबर 2025 तय की गई है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बाघ संरक्षण के लिए ग्रामवार सर्वे करने और गांव के लोगों को आवेदन करने की तिथि निर्धारित कर दी गई है। इंद्रावती कलेक्ट्रेट में पत्रकारों से बात करते हुए जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आईटीआर इलाके के विस्थापित परिवार के प्रत्येक बालिग सदस्य को 15 लाख रूपये देने या मुलभुत सुविधाओं के साथ बसाहट की योजना बनाई गई है।
जिलाधिकारी संबित मिश्रा ने बताया कि 21 गांव में रहने वाले ग्रामवासी अगर स्वेच्छानुसार विस्थापित नहीं होते हैं तो भी सरकार को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होगी। टाइगर रिज़र्व एरिया में बहुत सारे गांव वीरान हैं या इनमे बहुत कम परिवार रहते हैं। ऐसे में ग्रामीणों की स्वेच्छा पर निर्भर करता है कि वे मुआवजा लें या नहीं लें। वहीं वन मंडलाधिकारी ने बताया कि पहले चरण के 21 गांवों में अधिकतर गांव पहले से वीरान हैं या फिर नक्सल पीड़ित हैं जिसमें अधिकतर लोग अपना सब कुछ छोड़ कर कहीं अन्यत्र जा चुके हैं। ऐसे लोगों के आवेदन प्राप्त होना शुरू हो गया है।
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