रांची: झारखंड की राजनीति में चुनावी हलचल तेज हो गई है, जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को सीधी चुनौती दी है। हेमंत सोरेन के मंत्री दीपक बिरवा ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि उनकी पार्टी चंपई सोरेन और उनके बेटे को हराने के लिए पूरी ताकत लगाएगी।
बीजेपी ने हाल ही में चंपई सोरेन को सरायकेला और बाबूलाल सोरेन को घाटशिला से अपने उम्मीदवार के रूप में चुना है। इससे जेएमएम की चुनावी रणनीति में बदलाव आया है। दीपक बिरवा ने सोशल मीडिया पर लिखा है, “जब तक हम पिता-पुत्र की जोड़ी को नहीं हराएंगे, तब तक हम मानेंगे नहीं।” यह स्पष्ट संकेत है कि जेएमएम चंपई सोरेन को उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि में चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
चंपई सोरेन की बीजेपी में शामिल होने से सियासी समीकरण बदल गए हैं। जेएमएम ने अब इस सीट पर अपने चुनावी उम्मीदवार के चयन में सावधानी बरतने का निर्णय लिया है, ताकि चंपई सोरेन को किसी प्रकार की रणनीतिक जानकारी न मिल सके।
चर्चा है कि जेएमएम संभावित उम्मीदवारों की एक लंबी सूची तैयार कर रही है, जिसमें सरायकेला से गणेश महली और घाटशिला से रामदास सोरेन के नाम शामिल हैं। हालांकि, जेएमएम ने अभी तक अपने उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चंपई सोरेन का मजबूत जनाधार और उनका राजनीतिक कद जेएमएम के लिए बड़ी चुनौती पेश करेगा। चुनावी माहौल में सभी की निगाहें अब इन सीटों के परिणामों पर टिकी हुई हैं। इस चुनाव में जेएमएम की रणनीति और उम्मीदवारों के चयन पर सबकी नजरें रहेंगी, जिससे झारखंड की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं।