Ranchi/patna– लोक आस्था का महापर्व छठ के अवसर पर छठव्रतियों ने अस्तलाचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया.
Highlights
इस अवसर पर व्रतियों ने नदी, तालाब और जल कुंडों में ठेकुए, भुसबा, गन्ना, नारियल, केला, हल्दी, सेब, फल-फूल
के साथ पानी में खड़े होकर अस्तलाचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया और सुख-समृद्धि की कामना की.
श्रद्धालुओं का जत्था दोपहर से ही नदी, सरोवर पहुंचने लगा था.
कई श्रद्धालुओं ने घरों की छतों पर ही अस्थाई तालाब बनाकर अपना अर्घ्य दिया.
जाने कौन हैं छठी मईया
शास्त्रों के अनुसार छठ देवी भगवान ब्रह्माजी मानस पुत्री और सूर्य देव की बहन हैं.
उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए ये पर्व मनाया जाता है.
ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि ब्रह्माजी ने सृष्टि रचने के लिए स्वयं को दो भागों में बांट दिया था.
जिसमें दाहिने भाग में पुरुष और बाएं भाग में प्रकृति का रूप सामने आया.
सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने अपने आप को छह भागों में विभाजित किया.
इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृ देवी या देवसेना के रुप में जाना जाता है.
प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इनका एक नाम षष्ठी है, जिसे छठी मैया के नाम से जाना जाता है.
रिपोर्ट-राममूर्ति पाठक