रांची: झारखंड की राजनीति में अक्सर गर्मी और टकराव की स्थिति बनी रहती है, लेकिन गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी स्थित राजभवन में आयोजित ‘बैंड डिस्प्ले’ और ‘एट होम’ कार्यक्रम ने राजनीति के एक नए पहलू को उजागर किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बीच एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। यह न केवल राजनीतिक संघर्ष के संदर्भ में एक नया अध्याय था, बल्कि आदर्श नेतृत्व और शिष्टाचार का भी एक उदाहरण था।
राजनीतिक मंचों पर हमेशा एक-दूसरे के खिलाफ कटु बयानबाजी करने वाले इन दो नेताओं के बीच का यह पल राजनीतिक शुचिता और परिपक्वता का प्रतीक बनकर सामने आया। चुनावी महाकुंभ हो या विधानसभा सत्र, दोनों के बीच की दलीय लड़ाई हमेशा दर्शकों के सामने होती है, लेकिन इस अवसर पर हेमंत सोरेन ने बाबूलाल मरांडी के प्रति सम्मान का प्रदर्शन करते हुए दोनों हाथों से उनका हाथ थामकर सिर उनके सम्मान में झुका दिया।
यह दृश्य न केवल व्यक्तिगत शिष्टाचार का उदाहरण था, बल्कि झारखंड की राजनीति में एक संदेश भी था। जहां राजनीति में कभी-कभी कटुता और संघर्ष दिखाई देते हैं, वहीं यह पल यह भी दर्शाता है कि जब बात राष्ट्रीय गौरव और सम्मान की हो, तो राजनीति के विरोधियों को भी सम्मान देना चाहिए।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह कदम राजनीति में आदर्श का संकेत था। यह झारखंड के नागरिकों के लिए एक संदेश था कि राजनीति के भीतर भी मानवीय मूल्य और शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए। इस दृश्य ने यह साबित किया कि राजनीति के ऊंचे मंचों पर भी एक दूसरे के प्रति आदर और सम्मान का कोई विकल्प नहीं हो सकता।