रांची : झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरक्षण संशोधन विधेयक 2022
सदन के पटल पर रखा. इस दौरान झारखंड सरकार 1932 के खतियान पर स्थानीय नीति और
ओबीसी समेत अनुसूचित जाति और जनजाति का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने संबंधी विधेयक
पेश किया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखण्ड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा
और सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक
विस्तारित करने के लिए विधेयक 2022 को सदन पटल पर रखा.
सीएम ने झारखंड में पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों के बारे में जानकारी दी.
सभी समस्याओं को दूर करने के लिए लाया
ओबीसी को आरक्षण बढ़ाने के लिए लाए गए विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के लिए निर्दलीय विधायक अमित यादव ने संसोधन की मांग रखी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा यह विधेयक जो हमलोग लाये हैं, इन्ही सभी समस्याओं को दूर करने के लिए लाया है. 20 वर्षों में पहली बार जेपीएससी के परीक्षा को सम्पन्न कराया है, जेपीएससी में टॉप आदिवासी बच्ची ने किया. 7 अनारक्षित केटेगरी में सफलता हासिल किया. 100 फीसदी स्थानीय को मौका मिला.
भानू प्रताप शाही के हंगामे पर सीएम ने ये कहा
इसी बीच बीजेपी के विधायक इस पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. बीजेपी विधायक भानू प्रताप शाही ने सवाल उठाते हुए हंगामा करने लगे. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भानू प्रताप शाही को कहा कि क्या खाकर आते हैं, कितना हल्ला करते हैं. सीएम हेमंत ने आजसू विधायक लंबोदर महतो के संसोधन पर कहा कि ये सभी ऐसे संसोधन लाते हैं, ताकि 1985 के इर्द गिर्द ही फंसा कर रखा जाए, ताकि कानूनी अर्चने आ जाये और ये फंस जाए. हंगामे के बीच सत्तापक्ष के विधायक भी सदन में नारा लगाते रहे. विधायक ने कहा जो स्थानीय की बात करेगा वो झारखंड में राज करेगा.
हम पुरानी चीजों को ही ला रहे हैं
सीएम हेमंत ने कहा कि सरकार कभी भी विधेयक लाती हे तो चिंतन मंथन कर विधेयक लाती है. इस राज्य में पहले 27 प्रतिशत आरक्षण थे जिसको घटाकर 14 प्रतिशत किया गया था, हम तो पुरानी चीजों को ही ला रहे हैं, इस राज्य के लोगों के हित में जो भी हे वो सरकार कदम उठाएगी, इसलिए कोई संसोधन की जरूरत नहीं है.