Ranchi- झारखंड मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस बयान पर कि इस बार की जेपीएससी में पहली बार आदिवासी-मूलवासी, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के अभ्यर्थियों ने बाजी मारी है. इसके पहले तक गैर झारखंडी ही चयनित होते थें, बबाल मचा है. छात्रों का कहना है कि हेमंत सोरेन की सरकार जुमलेबाज सरकार है. सरकार स्थानीय और बाहरी का मतभेद पैदा कर जेपीएससी की गड़बड़ी को दबाना चाहती है.
जेपीएससी अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपना खतियान दिखाने की मांग की है. अभ्यर्थियों का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन छात्रों को बाहरी और भीतरी में बांट रहे है. मुख्यमंत्री को अपना दस्तावेज पब्लिक के सामने जाहिर करना चाहिए. सरकार इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रही है, सरकार को जेपीएससी में सुधार का कदम उठाना चाहिए.
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