Patna– रक्षा बंधन के अवसर पर चिराग पासवान को अपनी बहनों के हाथों राखी बंधवाना महंगा पड़ गया.
दरअसल राखी बंधाई में चिराग की बहनों ने मांग ही कुछ इस किस्म की कर दी, जिसको पाने की चाहत तो खुद चिराग के दिल में भी है,
लेकिन शायद वह उस बेशकीमती तोहफे को फिलहाल अपनी बहनों को देने में जल्दबाजी करने के मुड में नहीं हैं. लेकिन बहनों का सब्र टूट रहा है.

शायद आपको यह याद हो कि ईद के अवसर पर जब चिराग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में राबड़ी आवास पहुंचे थें,
तब मीसा भारती ने भी चिराग से यही फरमाईश कर दी थी,
तब तो चिराग किसी प्रकार ना-नुकर कर मीसा भारती की मांग को हंस कर टाल गये थें,
लेकिन अब उनकी बहनों की जिद्द बढ़ती ही जा रही है.
इस बार जीरो पर आउट होने जा रहे हैं चाचा – चिराग पासवान
चाचा नीतीश पर हमला करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि चाचा को 16 महीने यह तय करने में लग गये कि उन्हे मुख्यमंत्री रहना है या नहीं.
चाचा शपथ ग्रहण के बाद अब विकास की बात कह रहे हैं,
लेकिन सवाल यह है कि इसके पहले वह क्या कर रहे थें.
चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार सिर्फ कुर्सी-कुर्सी खेल रहे हैं.
कुर्सी कुर्सी खेलने से बिहार का विकास नही होने वाला.
पिछली बार एक नंबर से तीन नंबर की पार्टी बने, इस बार उनका जीरो पर आउट होना तय है.
यह सरकार विकास के एंजेडे को लेकर नहीं बनी बल्कि दो अति महत्वाकांक्षी व्यक्ति को मिलन है.
केन्द्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग लोकतंत्र की सेहत के लिए ठीक नहीं
चिराग से जब यह पूछा गया कि वह किस गठबंधन के साथ रहकर चुनाव लड़ेंगे तो चिराग ने कहा कि
वह अपना स्टैंड चुनाव के समय ही साफ करेंगे.
नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर चिराग ने कहा कि विपक्ष भानुमति का कुनबा है.
जितनी जल्दी बनता है, उतनी जल्दी बिखरता है. अगर विपक्ष नीतीश को पीएम उम्मीदवार घोषित नहीं करता है,
तो वह एक बार फिर से पलटी मारेंगे.
सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग पर चिराग ने कहा एजेंसी स्वतंत्र है,
यदि इसका दुरुपयोग लोकतंत्र की सेहत के लिए अच्छा नहीं है.
रिपोर्ट- शक्ति
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