भोजपुर : केंद्र सरकार द्वारा भारतीय न्याय संहिता (BNS) लागू किए जाने के बाद लोगों तत्वरित न्याय की जो अपेक्षाएं बढ़ी थीं वो अब पूरी होने लगी हैं। भोजपुर जिला में आज इस कड़ी में पॉक्सो की विशेष अदालत द्वारा दोषी को आजीवन उम्र कैद और एक लाख 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा न्यायालय द्वारा पीड़ित परिवार के एक नामित सदस्य को 10 लाख रुपए प्रतिकर के रूप में देने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकार को दिया है। नगर थाना क्षेत्र के नारायण साह उर्फ वकील साह पर पड़ोस की एक 10 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला सिद्ध होने पर अदालत ने आज यह अहम फैसला सुनाया।
न्यायालय में कैसे हुई कार्रवाई?
पुलिस ने घटना की सूचना मिलते ही कार्रवाई शुरू की। इस मामले को इसकी प्रकृति के अनुसार आरा की पाक्सो की विशेष अदालत में चलाया गया। जिसका ट्रॉयल संख्या पॉक्सो 2/2025 था। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक सरोज कुमारी ने मुकदमा के संचालन में न्यायालय को सहयोग करने के साथ ही पुलिस के साथ तालमेल से इस मुकदमे की चार्जशीट से महज 22 तारीख के अंदर 12 गवाह जिसमें जांच अधिकारी, चिकित्सक और अन्य साक्ष्य शामिल थे। उनके साक्ष्य न्यायालय में अंकित कराया, बहस की, प्रदर्श अंकित कराया और चार्जशीट दाखिल होने के महज चार महीने के अंदर सभी न्यायिक प्रक्रिया पूरी कराते हुए जजमेंट करा लिया। विशेष लोक अभियोजक सरोज कुमारी ने बताया कि पुलिस की तत्परता से 12 गवाह न्यायालय में समय से प्रस्तुत कराए गए और आवश्यक प्रदर्श अंकित कराए गए। उन्होंने बताया कि डीएनए जांच एवं एफएसएल की जांच रिपोर्ट इस मुकदमे में निर्णय के लिए अहम थे।
क्या है मामला और किसे हुई सजा?
भोजपुर के पुलिस अधीक्षक श्री राज ने बताया कि यह मामला 17 दिसंबर 2024 का है। जब नगर थाना क्षेत्र के बेगमपुर मुहल्ले की एक नाबालिग के साथ मुहल्ले के ही एक व्यक्ति नारायण साह उर्फ वकील साह ने दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को छुपा दिया था। पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की और अभियुक्त को गिरफ्तार कर लगभग एक महीने में चार्जशीट दाखिल कर दिया। जिसमें आज न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध नारायण साह को आजीवन सश्रम कारावास एवं एक लाख 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। भोजपुर पुलिस अधीक्षक राज ने इसे पुलिस और अभियोजन पक्ष की बड़ी सफलता बताई।
जांच में सहयोग और तत्परता के लिए प्रशस्ति पत्र
भोजपुर के पुलिस अधीक्षक राज ने बताया कि इस कांड के जांच दल, एफएसएल टीम, गवाह और स्पेशल पीपी समेत जांच में सहयोग करने वाले उन सभी लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने मुकदमा को अंजाम तक पहुंचाया।
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पब्लिक की मांग पर स्पीडी ट्रायल
इस मामले में पुलिस ने लोगों की भावनाओं और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्पीडी ट्रायल का आग्रह न्यायालय के समक्ष किया था। जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने इस मुकदमे में चार्जशीट दाखिल होने के महज चार महीने में यह आदेश सुनाया है। मुकदमे में पहली सुनवाई तीन जनवरी 2025 थी। न्यायालय ने 24 जनवरी 2025 को चार्जशीट दाखिल होने के दिन ही छह सम्मन गवाहों को जारी कर दिया। सभी गवाह समय से उपस्थित हुए। इस मुकदमे का एक सुखद पहलू यह भी रहा कि किसी गवाह को उपस्थित होने के लिए रिमांइडर जारी नहीं करना पड़ा।
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नेहा गुप्ता की रिपोर्ट
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