नालंदा : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजगीर में ‘हर घर गंगाजल’ का उद्घाटन किया.
बाढ़ के पानी को पेयजल के रूप में उपयोग करने की देश की पहली योजना का भागीदार बन
बिहार ने इतिहास रच दिया है. इसके तहत बिहार के लाखों लोगों को सुविधा मिलेगी.
दरअसल, गंगा का पानी दक्षिण बिहार में पहुंच नहीं पाता था.
पानी की कमी के कारण लोगों को सालोभर पेयजल समस्या का सामना करना पड़ता था.
इसका समाधान करने के लिए परियोजना की शुरुआत की गई. ‘हर घर गंगाजल’ उद्घाटन समारोह में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित कई मंत्री मौजूद रहे.
जलाशयों में बाढ़ के पानी का होगा भंडारण
इस परियोजना के तहत गंगाजल आपूर्ति योजना के तहत जलाशयों में बाढ़ के पानी का भंडारण किया जाएगा. इस पानी को संग्रहित करने के बाद प्यूरिफाई किया जाएगा, ताकि इसे पीने योग्य बनाया जा सके. शहर के करीब 10 हजार घरों में हर घर गंगाजल की आपूर्ति होगी, जिसका कनेक्शन कर दिया गया है. वहीं जो घर वंचित है उसे जोड़ने का कार्य किया जा रहा है.
जून 2023 तक नवादा में भी हर घर गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा जल आपूर्ति योजना का राजगीर में रविवार को उद्घाटन किया. इसी के साथ बिहार ने इतिहास रच दिया. जबकि योजना के दूसरे चरण में जून 2023 तक नवादा में भी हर घर गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य है. बिहार सरकार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि ‘गंगा जल आपूर्ति योजना’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ‘भगीरथ प्रयास’ है. नीतीश कुमार ने दूरगामी अभियान ‘जल-जीवन-हरियाली’ के तहत गंगा नदी के अधिशेष जल को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग करने की अनूठी परिकल्पना की.
तीन साल से कम समय में पूरा हुआ काम
सीएम नीतीश की अध्यक्षता में दिसंबर 2019 में गया में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में अतिमहत्वाकांक्षी ‘गंगा जल आपूर्ति योजना’ को मंजूरी दी गई. संजय झा ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में जल संसाधन विभाग ने तत्परता से काम करते हुए इतनी बड़ी योजना को कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद तीन साल से कम समय पूरा करा दिया है. गंगा जल पाइपलाइन के जरिये 151 किलोमीटर सफर तय करके राजगीर, गया और बोधगया के जलाशयों में पहुंच गया है, जहां से यह शोधित होकर शुद्ध पेयजल के रूप में रोज लाखों लोगों की प्यास बुझाएगा.