डिजिटल डेस्क : CM Stalin ने परिसीमन पर अगली बैठक हैदराबाद में तय की, जारी की टैग लाइन…। तमिलनाडु के CM एमके Stalin ने सियासी तौर पर गरमाए परिसीमन (Delimitation) के मसले पर शनिवार को हुई बैठक के बाद अगली बैठक हैदराबाद में तय कर दिए जाने का भी ऐलान कर दिया।
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साथ ही तमिलनाडु के CM एमके Stalin ने लगे हाथ परिसीमन (Delimitation) के सियासी तौर पर गरमाए मुद्दे पर अपनी ओर से टैग लाइन भी जारी कर दिया – #FairDelimitation।
इससे पहले RSS ने इसी मुद्दे पर अपनी राय बिना तमिलनाडु के CM एमके Stalin का नाम लिए ही सार्वजनिक की थी। बंगलुरू में RSS की ओर शनिवार को विशेष तौर पर मीडिया ब्रीफिंग परिसीमन (Delimitation) के मसले पर ही रहा और उसमें परिसीमन (Delimitation) के औचित्य एवं सियासी मुद्दे के जमीनी सच्चाई का भी उल्लेख किया।
बिना नाम लिए ही RSS ने परिसीमन (Delimitation) के मुद्दे को उछालने वालों को इसके औचित्य की तलाश करते हुए आतमावलोकन-आत्मनिरीक्षण तक की बात कही।
CM Stalin : इतिहास में दर्ज होगा यह दिन
परिसीमन (Delimitation) के मुद्दे पर शनिवार को तमिलनाडु में बड़ी सियासी बैठक हुई। इस बैठक में विपक्ष ने ताकत दिखाई। तमिलनाडु के CM और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के अध्यक्ष एमके Stalin की अध्यक्षता में यह बैठक हुई।
परिसीमन पर संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) की यह पहली बैठक थी। अब अगली बैठक के लिए हैदराबाद को चुना गया है।
इस मौके पर CM Stalin ने कहा कि – ‘…मैं केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पंजाब के नेताओं का हार्दिक स्वागत करता हूं, जो निष्पक्ष परिसीमन पर संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक में हमारे साथ शामिल हुए।
…हम परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं। …हम निष्पक्ष परिसीमन के पक्ष में हैं। …अधिकार स्थापित करने के लिए निरंतर कार्रवाई बहुत जरूरी है। …यह दिन इतिहास में दर्ज होगा।’
बता दें कि शनिवार की इस बैठक में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास और बीजू जनता दल के नेता संजय कुमार दास बर्मा सहित विभिन्न राजनीतिक नेता शामिल हुए।

CM Stalin : विपक्ष परिसीमन के खिलाफ नहीं…
इससे पहले, तमिलनाडु के CM एमके Stalin ने संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक का नेतृत्व करते हुए सभी विपक्षी दलों से परिसीमन अभ्यास के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
CM एमके Stalin ने दावा किया कि इससे दक्षिणी राज्यों की राजनीतिक ताकत कमजोर होगी। CM एमके Stalin ने परिसीमन को लेकर राज्यों की चेन्नई में अपनी पहली बैठक की मेजबानी की।
अपने संबोधन में CM Stalin ने कहा कि – ‘…विपक्ष परिसीमन की अवधारणा के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रक्रिया निष्पक्ष रहे और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को कमजोर न करे। उचित परिसीमन के लिए अपनी प्रतिबद्धता में हम एकजुट हैं।
…आज का दिन इतिहास में उस दिन के रूप में अंकित होगा जब हमारे देश के विकास में योगदान देने वाले राज्य #FairDelimitation सुनिश्चित करके इसके संघीय ढांचे की रक्षा के लिए एक साथ आए। …मैं इस बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत करता हूं, जो #FairDelimitation के लिए हमारी प्रतिबद्धता में एकजुट हैं।
…निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर अगली बैठक हैदराबाद में होगी। …मैं आप सभी से इस राजनीतिक चीज को कानूनी तरीके से लेने के लिए इनपुट देने की अपील करता हूं। मैं इस निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन मुद्दे पर एक कानूनी विशेषज्ञ समिति बनाने का प्रस्ताव करता हूं। अगर हम सब मिलकर विरोध करेंगे, तभी हमें जीत मिल सकती है।

…आइए, हम एकजुट होकर विरोध करें और सुनिश्चित करें कि किसी भी स्थिति में हमारा प्रतिनिधित्व कम नहीं होना चाहिए। हम जनसंख्या-आधारित निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन का कड़ा विरोध करते हैं।
…जनसंख्या-आधारित निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन से तमिलनाडु जैसे राज्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिन्होंने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जनसंख्या के आधार पर निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन के अनुसार, हमारे राज्य प्रभावित होंगे क्योंकि हमने जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की है, इसलिए हम इसका विरोध करने की स्थिति में हैं और संसद में हमारे प्रतिनिधि कम हो सकते हैं।
…संसदीय प्रतिनिधित्व के नुकसान से राजनीतिक ताकत में कमी आ सकती है। यहां के राज्यों ने जनसंख्या घटाने का परिणाम दिखाया है। संसद में लोगों के प्रतिनिधियों को कम करके हमारे विचारों को व्यक्त करने की हमारी ताकत कम हो जाएगी।’

परिसीमन पर RSS : इसे लेकर कोई नया एक्ट आया क्या…?
परिसीमन (Delimitation) को लेकर देश में गरमाए सियासी माहौल के बीच शनिवार को बंगलुरू में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने इसी परिसीमन के मसले पर अपनी दो टूक राय रख दी।
RSS ने किसी दल विशेष का परिसीमन के मुद्दे की चर्चा करते हुए नाम नहीं लिया है लेकिन सभी को जमीनी हकीकत को जानने के बाद जनता के बीच मसले को अपनी-अपनी विचारधारा के अनुरूप आंकते हुए हवा देने संबंधी नसीहत भी दे डाली है।
RSS ने उन्हें इस मुद्दे पर सीधे तौर पर आत्मावलोकन-आत्मनिरीक्षण करने को कहा है। बंगुलुरू में शनिवार को RSS के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की एवं तमाम ज्वलंत मुद्दों पर RSS की ओर से स्पष्ट मंतव्य प्रस्तुत किया।
RSS के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि –‘…जो लोग परिसीमन को मुद्दा बना रहे हैं, उनको इंट्रोइंस्पेक्शन करना चाहिए कि क्या जो वो कर रहे हैं वो सही है…? …परिसीमन को लेकर अनावश्यक आशंका जाहिर की जा रही है।
…समाज में सबको लेकर चलने की बात करनी चाहिए। अविश्वास खड़ा करने से बचना चाहिए…। परिसीमन (Delimitation) के लिए पहले एक्ट आता है। पहले परिसीमन एक्ट 1979 में बना। उसके बाद परिसीमन एक्ट 2002 में आया। उसके बाद परिसीमन को फ्रीज कर दिया गया।
…तो सवाल ये कि अभी कोई नया एक्ट आया क्या …? …अभी जो लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं, …उनसे पूछिए कि परिसीमन से पहले जनसंख्या गणना होती है? उसके बाद परिसीमन एक्ट आता है…है कि नहीं?
…ऐसा कुछ हुआ भी नहीं है। फिर वो इस मुद्दे को लेकर क्यों आगे बढ़ रहे हैं?’