लखनऊ : यूपी में अब 250 से अधिक आबादी वाले बसावटों के लिए बनेंगे संपर्क मार्ग, CM Yogi का निर्देश। सोमवार को यूपी में CM Yogi आदित्यनाथ की सरकार ने काफी अहम फैसला लिया है। इसके तहत अब पूरे प्रदेश आवाजाही की संकट से निजात मिलेगी।
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CM Yogi ने अधिकारियों से कहा कि – ‘वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ऐसी बसावटों – ग्राम जिसकी आबादी 250 से अधिक हो तथा मार्ग की लम्बाई 1.00 किमी या उससे अधिक हो, उन्हें एकल कनेक्टिीविटी प्रदान किये जाने हेतु संपर्क मार्ग का निर्माण कराया जाए।
इसी प्रकार, दो ग्रामों- बसावटों को जिनकी आबादी 250 से अधिक है, को इंटर-कनेक्टिविटी प्रदान किये जाने हेतु सम्पर्क मार्ग का निर्माण भी हो। इसके लिए सर्वे कराएं, आवश्यकता को परखें, फिर निर्णय लें’।
हर विधानसभा में जरूरत अनुसार 3 छोटे पुलों की बनेगी कार्ययोजना
इसी क्रम में CM Yogi आदित्यनाथ ने आगे कहा कि – ‘क्षतिग्रस्त सेतु, जनता द्वारा निर्मित अस्थाई पुल, संकरे पुल, बाढ़ के कारण प्रायः क्षतिग्रस्त होने वाले मार्गों पर पुल तथा सार्वजनिक, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर सेतु निर्माण को प्राथमिकता में रखें।
हर विधानसभा में जरूरत के अनुसार 3 लघु सेतुओं के निर्माण की कार्ययोजना तैयार करें।
जहां भी दीर्घ सेतु क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें तत्काल ठीक कराया जाए। सभी जिलों से प्रस्ताव लें, जहां दीर्घ सेतु की आवश्यकता हो, कार्ययोजना में सम्मिलित करें।
शहरी क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त – संकरे सेतुओं के स्थान पर नये सेतुओं का निर्माण कराया जाना आवश्यक है। इसका लाभ सभी जिलों को मिलना चाहिए। रेल ओवरब्रिज या रेल अंडरब्रिज से जुड़े प्रस्तावों को तत्काल भारत सरकार को भेजें। राज्य सरकार द्वारा इसमें हर जरूरी सहयोग किया जाए’।

CM Yogi बोले – जाम के झाम से मुक्ति दिलाने को बाईपास, रिंगरोड, फ्लाईओवर बनेंगे
CM Yogi आदित्यनाथ ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। साथ ही निर्माणकार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विभिन्न आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
CM Yogi ने अधिकारियों से कहा कि – ‘शहरों की घनी आबादी को जाम से मुक्ति दिलाने हेतु बाईपास रिंगरोड – फ्लाईओवर निर्माण कराया जाना चाहिए। निर्माण कार्य का प्रस्ताव शहर या कस्बे की आबादी एवं प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया जाए।
सभी विधानसभाओं के प्रमुख जिला मार्गों को न्यूनतम दो-लेन (7 मीटर) एवं अन्य जिला मार्गों को न्यूनतम डेढ़-लेन (5.50 मीटर) चौडाई में निर्माण कराया जाए। जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लें, प्राथमिकता तय करें और कार्य प्रारंभ कराएं।
ऐसे राज्य मार्ग जो वर्तमान में दो-लेन एवं दो-लेन से कम चौड़े हैं उन्हें लोक महत्ता के अनुरूप न्यूनतम दो-लेन विद पेव्ड शोल्डर की चौड़ाई में निर्माण किया जाना चाहिए’।