डिजीटल डेस्क : एक्शन में CM Yogi – भू-अधिग्रहण घोटाला में 5 को किया निलंबित। पश्चिमी यूपी के बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे और बरेली रिंग रोड के भू-अधिग्रहण की जांच में अब तक मिले 200 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले में CM Yogi आदित्यना ने 5 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
इनमें 2 एसएलएओ, 2 लेखपाल और 1 अमीन शामिल हैं। CM Yogi आदित्यनाथ ने इस मामले में दोषी मिले तहसीलदार, नायब तहसीलदार और कानूनगो को चिह्नित कर निलंबित करने के आदेश दिया है।
7 पर गिर चुकी है गाज, अभी कई पर पर कार्रवाई होनी शेष
बताया जा रहा है कि CM Yogi के निर्देश के बाद अब दोनों एसएलएओ को निलंबित करने की प्रक्रिया फाइल पर शासन का नियुक्ति विभाग पूरी करेगा, क्योंकि ये पीसीएस अधिकारी हैं। एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी के सात अधिकारी व कर्मचारी पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं।
प्रारंभिक जांच में संलिप्तता मिलने पर सीएम ने सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्याप्ति मदन कुमार और आशीष कुमार को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। तहसील सदर के लेखपाल उमाशंकर, नवाबगंज के लेखपाल सुरेश सक्सेना और एसएलएओ के अमीन डबर सिंह को भी निलंबित करने के आदेश जारी हुए हैं।
इस घोटाले से जुड़ी एक पूरक रिपोर्ट में लेखपाल आशीष कुमार, मुकेश कुमार, विनय, दिनेश चंद्र, विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय के तत्कालीन अमीन अनुज वर्मा, ग्राम विलहरा माफी व मुडलिया गोसू के क्षेत्रीय लेखपाल मुकेश गंगवार, हेमंतडांडी के क्षेत्रीय लेखपाल तेजपाल, ग्राम भैंसहा के क्षेत्रीय लेखपाल ज्ञानदीप गंगवार, उगनपुर के क्षेत्रीय लेखपाल मुकेश कुमार मिश्रा, अमरिया के क्षेत्रीय लेखपाल विनय कुमार व दिनेश चंद्र और ग्राम हुसैन नगर एवं सरदार नगर के क्षेत्रीय लेखपाल आलोक कुमार को भी गड़बड़ियों का जिम्मेदार ठहराया गया है।
जारी जांच में कई अफसर-कर्मियों के खिलाफ मिले साक्ष्य, गाज गिरना तय
सीडीओ की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि पूरे प्रकरण में शिथिलता एवं लापरवाही बरतने तथा सम्यक रूप से परीक्षण न करने के लिए आशीष कुमार, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी, बरेली एवं तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी बरेली मदन कुमार दोषी हैं।
कमिश्नर की ओर से भेजी गई जांच रिपोर्ट में तत्कालीन भूमि अध्याप्ति अधिकारी आशीष कुमार, मदन कुमार, सुल्तान अशरफ सिद्दीकी, राजीव पांडेय को जिम्मेदार माना गया है। इनके साथ ही एनएचएआई के तत्कालीन परियोजना निदेशक एआर चित्रांशी व बीपी पाठक को जिम्मेदार पाया गया है।
एनएचएआई के साइट इंजीनियर पीयूष जैन व पारस त्यागी पर भी कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है। इसी क्रम में एनएचएआई की ओर से नामित एजेंसी साईं सिस्ट्रा ग्रुप के प्रतिनिधि उजैर अख्तर, एसए इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टेंसी लिमिटेड के प्रतिनिधि राजीव कुमार व सुनील कुमार दोषी पाए गए हैं।
श्री शिवम सर्वेइंग सिस्टम , वैल्यूअर रविंद्र गंगवार व सुरेश कुमार गर्ग को भी दोषी माना गया है। पीलीभीत के तत्कालीन अधिशासी अभियंता उदय नारायण और एई सुरेंद्र कुमार समेत 23 कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। साथ 19 पेशेवर खरीदारों के नाम भी भेजे गए हैं।