डिजीटल डेस्क : CM Yogi – अपने काम का प्रपोगंडा नहीं करते RSS और VHP। पश्चिम त्रिपुरा में सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में सोमवार को उत्तर प्रदेश के CM Yogi आदित्यनाथ ने अपने ही अंदाज में बेबाकी से कई गूढ़ सियासी बाते कहीं।
CM Yogi ने देश और पड़ोसी मुल्कों के मौजूदा हाल पर खुलकर बोले और अपने चिरपरिचित बेलागी वाले अंदाज में सधे शब्दों का सियासी लहजे में खूब इस्तेमाल किया। भाजपा के लिए मेरुदंड कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उनके आनुषांगिक संगठन विश्व हिंदू परिषद (VHP) से अपने गहरे नाते को भी नहीं छुपाया।
यही नहीं, मंच से अपने संबोधन में उन्होंने दोनों संगठनों की खुले मन से तारीफ भी की। CM Yogi बोले – ‘हां, यह सच है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) अपने कार्य का प्रपोगंडा नहीं करते। वे अपनी सेवा की सौदेबाजी नहीं करते’।
CM Yogi : सनातन हिंदू धर्म के मान बिंदु हैं काशी, मथुरा और अयोध्या
CM Yogi आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद कार्यशैली की खुलकर सराहना की। CM Yogi बोले – ‘हम सेवा करते हैं क्योंकि वह सेवा यानी मानव सेवा हमारे लिए ईश्वरीय सेवा है। ईश्वरीय सेवा मान करके हमारा एक-एक प्रचारक और एक-एक स्वयंसेवक सेवा के इस प्रकल्प के साथ जुड़ता है।
यही कारण है कि विश्व हिंदू परिषद ने पूज्य संतों के मार्गदर्शन में इस सदी का सबसे बड़ा आंदोलन चलाया जो अयोध्या में 5 सदी का इंतजार खत्म करते हुए भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य पूरा हो गया है।
कुछ लोगों को बुरा लगेगा हमारी राम मंदिर बनने में तो उसमें हमारी गलती क्या है। भाई हमारी आस्था है राम में। हमें भारत की बहुसंख्यक जनता की आस्था को देखना है। अगर ये जनता संतुष्ट है तो उस आस्था का सम्मान देने का काम करना है। और वही कार्य हम कर रहे हैं।
काशी के बारे में भी हमने यही कहा। भाई, अयोध्या है, मथुरा है और काशी है। ये तीन सनातन हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, मान बिंदु हैं। आज नहीं तो कल तीनों स्थान फिर से आस्था के केंद्र के रूप में भव्य रूप में आगे बढ़ते हुए दिखाई देंगे। कोई संदेह नहीं होना चाहिए’।
त्रिपुरा में CM Yogi ने किया RSS के गोरखपुर से गहरे पुराने नाते का जिक्र
CM Yogi आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को RSS और VHP के जनहित में जारी समाजोत्थान के काम का उल्लेख करते हुए RSS से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर इलाके के पुराने और गहरे नाते का अपने अंदाज में जिक्र किया।
CM Yogi बोले – ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आज केवल भारत के अंदर ही नहीं, पूरी दुनिया के अंदर सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या भारती के नाम पर हजारों शिक्षण संस्थानों का संचालन कर रही है। उसके पहले विद्यालय की शुरूआत 1950 में गोरखपुर से हुई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारत की संस्कृति, परंपरा और मूल्यों का पालन करते हुए हजारों शिक्षण, प्रशिक्षण एवं सेवा प्रकल्पों का संचालन कर रही है। एक लाख से अधिक गांवों में एकल विद्यालय का संचालन अकेले विश्व हिंदू परिषद (VHP) पूरे देश में जनजातीय क्षेत्रों में कर रहा है।
और श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से भी। मुझे याद है। मेरे स्वयं के आश्रम गोरखपुर में 1984 में जनजातीय छात्रावास प्रारंभ हुआ। उसमें नार्थ ईस्ट से, त्रिपुरा से, मेघालय से, नागालैंड से सैकड़ों बच्चें अध्ययन करते थे और शिक्षा पूरी होने पर वापस अपने क्षेत्र में आकर अपनी आजीविका से जुड़ते थे।
आज भी वहां पर श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम संचालित है। हमारा एक दूसरा आश्रम जनपद बलरामपुर में है। वहां पर भी ट्राइबल बच्चों के लिए स्कूल भी बना है और छात्रावास भी।
विश्व हिंदू परिषद (VHP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) हजारों ऐसे स्थानों पर ट्राइबल बच्चों के लिए शिक्षण और प्रशिक्षण मुहैया कराने के साथ उनके उज्जवल भविष्य से जुड़ने का काम कर रहे हैं’।
CM Yogi बोले – मानना पड़ेगा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में अब समय भारत का है
CM Yogi आदित्यनाथ ने इसी क्रम में आगे कहा कि – ‘हमें एक-दूसरे की आस्था का सम्मान करना चाहिए। सनातन धर्म तो सर्वे भवन्ति सुखिन, सर्वे संतु निरामय की बात करता है। लेकिन ये तभी जब हम स्वयं सुरक्षित हों। हमीं सुरक्षित नहीं हैं तो दूसरे की सुरक्षा की बात कैसे करेंगे।
पहले सुरक्षित होना, पहले अपने लोगों को सुरक्षित करना, फिर सबकी सुरक्षा और सबके सम्मान की बात करना – यह आज की आवश्यकता है। जब हम देश को एक बड़ी ताकत बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में निकले हैं तो हम सबको इस बारे में मानना पड़ेगा कि अब भारत का समय है।
ईश्वरीय ताकत आपके साथ तभी फलीभूत होती है जब आप भी कार्य करेंगे और आप भी बढ़ेंगे। संत ईश्वरीय प्रतिनिधि के रूप में धराधाम पर आकर काम कर रहे हैं।
लेकिन यह मानकर चलना चाहिए कि हमारा देश सुरक्षित रहना चाहिए, हमारा धर्म सुरक्षित रहना चाहिए। इसके लिए हमें आह्वान करना होगा कि फिर से किसी संत काली महाराज को या फिर स्वामी लक्ष्मणानंद को अपना बलिदान देने नौबत ना आने पाए।
इसके लिए इन संतों का सानिघ्य लेकर के धर्म जागरण के इस पवित्र अभियान को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। आश्वस्त करता हूं कि आप सभी लोग आगे बढ़ेंगे तो हम भी आपके साथ खड़े होंगे और आपके साथ मिल करके इस अभियान में सहयोग करेंगे। इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि हर प्रकार का सहयोग हम करेंगे’।