देश में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनने पर काम करे SGPGI, बोले CM Yogi

सीएम योगी आदित्यनाथ।

िलखनऊ । देश में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनने पर काम करे SGPGI, बोले CM Yogi। लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) के 41वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में CM Yogi आदित्यनाथ ने काफी अहम बातें कहीं।

CM Yogi ने कहा कि – ‘SGPGI को अपने आगे लक्ष्य तय करने में देरी नहीं करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश तथा देश में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स के रूप में स्वयं को स्थापित करने की दिशा में संस्थान को यह शीघ्र तय करना होगा कि इसे आगे क्या करना है’।

‘…अपने काम की गति 3 गुना बढ़ाए SGPGI, यूपी सरकार करेगी मदद’

CM Yogi आदित्यनाथ ने इसी क्रम मेंआगे कहा कि – ‘…SGPGI अपने कार्य करने की गति को 3 गुना कर सकता है। यह इसे करे। यूपी सरकार इसके लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराएगी। आपको इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है। वर्तमान में संस्थान मेें  एक वर्ष में सवा लाख मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है। इसे 5 लाख किया जा सकता है।

…यहां भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 50 हजार से बढ़ाकर डेढ़ लाख की जा सकती है। ओपेन हार्ट सर्जरी के मामलों को 15 हजार से बढ़ाकर 50 हजार तक पहुंचा सकते हैं।

…इसी प्रकार किडनी, बोनमैरो तथा लिवर ट्रांसप्लाण्ट, रोबोटिक सर्जरी के मामलों की गति को भी बढ़ा सकते हैं। SGPGI  इन सभी लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। संस्थान का परिसर 550 एकड़ क्षेत्र में फैला है। हम इसमें और भी नए कार्य कर सकते हैं’। 

 सीएम योगी आदित्यनाथ।
सीएम योगी आदित्यनाथ।

‘SGPGI को अगले 9 वर्षों की शानदार यात्रा के लिए खुद को तैयार करना है…’

CM Yogi  ने कहा कि – ‘…SGPGI को अपने आपको अगले  9 वर्षों की शानदार यात्रा के लिए तैयार करना होगा। संस्थान ने विगत 5 वर्षों में जो लक्ष्य निर्धारित किए, उन्हें प्राप्त करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। जब SGPGI अगले 9 वर्षों के बाद अपना स्वर्ण जयन्ती वर्ष मनाए तब उस समय की पीढ़ी के मन में हमारे हमारे बारे श्रद्धा का भाव दिखना चाहिए।

…इस दिशा में किए गए प्रयास नया मानक गढ़ने वाले होंगे। मरीज आपको श्रद्धा व सम्मान के भाव से देखेंगे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो भी नया हो रहा है, उसे अपनाने के लिए हमें अपने आपको तैयार करना होगा और मजबूती से जुटना होगा। ‘

SGPGI  में नए-नए विभाग खोले जा रहे हैं। SGPGI  देश का सम्भवतः पहला चिकित्सा संस्थान है, जिसे सीएसआर पहल के तहत लगभग 500 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। यह संस्थान की एक बड़ी उपलब्धि है। इसका श्रेय संस्थान के निदेशक, फैकेल्टी मेम्बर्स, कार्मिकों तथा छात्र-छात्राओं को जाता है।

…SGPGI ने स्वास्थ्य के साथ तकनीक को बेहतर तरीके से जोड़ा है। भारत सरकार ने टेलीकंसल्टेशन तथा टेलीमेडिसिन के एक माॅडल सेन्टर के रूप में SGPGI को स्थापित करने की दिशा में कार्य प्रारम्भ किया है’।

 सीएम योगी आदित्यनाथ।
सीएम योगी आदित्यनाथ।

SGPGI को सीएम योगी का गुरूमंत्र – ‘जीत की इतनी शालीन हो कि सफलता शोर मचा दे…’

CM Yogi आदित्यनाथ ने SGPGI के प्राध्यापकों, अनुसंधानकर्ता चिकित्सकीय टीम मेंबरों, विद्यार्थियों और स्टाफ को गुरूमंत्र देने के अंदाज में कहा कि – ‘…जीत की तैयारी इतनी शालीनता से की जानी चाहिए कि आपकी सफलता शोर मचा दे। SGPGI ने विगत 5 से 7 वर्षों में समय की परवाह करते हुए अपनी गति बढ़ाई है। संस्थान ने एक विजन के साथ वर्तमान की प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने के लिए टीमवर्क से कार्य किया है।

…SGPGI  द्वारा रोबोटिक्स का उपयोग करके सर्जरी की जा रही है। मेडिकल फील्ड में आर्टीफिशियल इन्टेलीजेंस के बेहतर उपयोग के एक बड़े केन्द्र के रूप में संस्थान को आगे बढ़ाना होगा। वर्ष 2024 में अब तक लगभग 01 लाख 16 हजार मरीजों का रजिस्ट्रेशन संस्थान में हुआ है, जिनमें से लगभग 48 हजार 600 मरीज उपचारित हुए हैं। इस अवधि में संस्थान में 14 हजार से अधिक ऑपरेशन किये गये हैं।

…इसके साथ ही, 144 किडनी ट्रांसप्लाण्ट, 32 बोन मैरो ट्रांसप्लाण्ट, 1 लिवर ट्रांसप्लाण्ट, 591 ओपेन हार्ट सर्जरी, 319 रोबोटिक सर्जरी, 1,317 कोरोनरी एन्जियोप्लास्टी, 2 लाख मरीजों की रेडियोलाॅजी जांचें तथा 40 हजार से अधिक सीटी स्कैन/एमआरआई स्कैन सम्पन्न हुए हैं।

…सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान सरकार द्वारा SGPGI के निदेशक के नेतृत्व में एक एडवाइजरी टीम का गठन किया गया था। उस समय प्रदेश के 36 जनपदों में आईसीयू का एक भी बेड नहीं था। तत्कालीन निदेशक ने प्रदेश में टेली आईसीयू प्रारम्भ करने का सुझाव दिया, जिसके लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए।

…प्रदेश के सभी 75 जनपदों में वर्चुअल आईसीयू प्रारम्भ किए गए, जिससे हजारों लोगों की जान बचाने में मदद मिली। यह एक शुरूआत थी। आज भारत सरकार इसे और मजबूती के साथ आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है। इसके तहत पहले चरण में प्रदेश के 6 मेडिकल काॅलेजों को जोड़ा गया है। अन्य मेडिकल काॅलेज को भी इससे जोड़ने की तैयारी की जा रही है’

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