लखनऊ : CM Yogi ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य कामेश्वर चौपाल के निधन को बताया अत्यंत दुःखद। यूपी के CM Yogi आदित्यनाथ ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य और बिहार विधान परिषद (MLC) के पूर्व सदस्य कामेश्वर चौपाल के निधन पर गहरी संवेदना जाहिर की है।
अपने शोक संदेश में CM Yogi ने कहा कि – ‘प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।’
CM Yogi : धार्मिक -सामाजिक कार्यों में समर्पित थे चौपाल जी
कामेश्वर चौपाल के निधन पर यूपी के CM Yogi आदित्यनाथ काफी व्यथित हुए। CM Yogi ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
साथ ही कामेश्वर चौपाल के निधन पर CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य एवं 9 नवम्बर 1989 को आयोजित ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह में पूज्य संत गण की उपस्थिति में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की प्रथम शिला रखने वाले परम राम भक्त श्री कामेश्वर चौपाल जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
…उनका पूरा जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित रहा। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! …ॐ शांति!’
![कामेश्वर चौपाल की फाइल फोटो](https://i0.wp.com/22scope.com/wp-content/uploads/2025/02/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0-%E0%A4%9A%E0%A5%8C%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B2-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%B2-%E0%A4%AB%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%8B-1.jpg?resize=489%2C292&ssl=1)
कामेश्वर चौपाल के निधन से बिहार के मधुबनी में शोक की लहर
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व बिहार MLC कामेश्वर चौपाल के निधन से बिहार के मधुबनी में भी शोक की लहर है। कामेश्वर चौपाल वहीं के रहने वाले थे। चौपाल का अयोध्या और राम मंदिर आंदोलन से गहरा नाता था।
वे लंबे समय तक राजनीति में भी सक्रिय रहे और 2004 से 2014 तक MLC रहे। कामेश्वर चौपाल को ‘पहला कारसेवक’ माना जाता है और उन्होंने ‘रोटी के साथ राम’ का नारा दिया था। 1989 में अयोध्या राम मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम में उन्होंने पहली ईंट रखी थी।
![कामेश्वर चौपाल की फाइल फोटो](https://i0.wp.com/22scope.com/wp-content/uploads/2025/02/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0-%E0%A4%9A%E0%A5%8C%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B2-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%B2-%E0%A4%AB%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%8B-2.jpg?resize=309%2C309&ssl=1)
उनकी शिक्षा मधुबनी में हुई, जहां वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संपर्क में आए। कामेश्वर चौपाल का जन्म बिहार के मधुबनी जिले में 24 अप्रैल 1956 को हुआ था और उनकी शिक्षा यहीं पर हुई।
स्कूल में उनकी मुलाकात RSS के एक कार्यकर्ता से हुई, जो उनके टीचर थे। उन्हीं टीचर की मदद से कामेश्वर चौपाल ने कॉलेज में दाखिला लिया। ग्रेजुएशन की पढ़ाई खत्म करने के बाद वो पूरी तरह से संघ के लिए समर्पित हो गए। इसी दौरान उन्हें मधुबनी का जिला प्रचारक बनाया गया।
![राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल का निधन](https://i0.wp.com/22scope.com/wp-content/uploads/2025/02/Kameshwar-Chaupal.jpg?resize=696%2C392&ssl=1)
दिवंगत रामजन्मभूिम न्यास के सदस्य कामेश्वर चौपाल का सियासी-सामाजिक जीवन…
कामेश्वर चौपाल ने रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन उसमें उन्हें सफलता नहीं मिली थी। उसके बाद भाजपा ने उन्हें MLC के लिए नामित किया और 2004 से 2014 तक वो बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे। राम मंदिर निर्माण में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। भाजपाने इसे बड़ी क्षति बताया है।
हालांकि, राजनीति से ज्यादा कामेश्वर चौपाल को राम मंदिर आंदोलन के लिए याद किया जाएगा। चौपाल का अयोध्या से गहरा लगाव था। वे राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दिनों से ही जुड़े थे। उन्हें संघ ने पहले कार सेवक का दर्जा दिया था। 1989 में राम मंदिर के लिए हुए शिलान्यास कार्यक्रम में कामेश्वर चौपाल ही वो शख्स थे जिन्होंने पहली ईंट रखी थी। वो एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
स्व. चौपाल ने ‘रोटी के साथ राम’ का नारा दिया था, जो उस समय काफी लोकप्रिय हुआ था। इस नारे ने राम मंदिर आंदोलन को एक नई दिशा दी और लोगों को इससे जोड़ा। 1989 में शिलान्यास के बारे में कामेश्वर चौपाल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें पता था कि धर्मगुरु किसी दलित व्यक्ति से पहली ईंट रखवाएंगे, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह सम्मान उन्हें मिलेगा। इस घटना ने उनके जीवन को बदल दिया और वे राम मंदिर आंदोलन के एक प्रमुख चेहरे बन गए।