HAZARIBAGH: हजारीबाग में रैयतों की मांगों के समर्थन में स्थानीय विधायक अम्बा प्रसाद आगे आई हैं. उन्होंने कहा कि क्या बस कोयले की आग ही महत्वपूर्ण है कोयले के कारण लोगों की ज़मीन और जीविका में लगी आग नहीं. विधायक ने यह बातें रैयतों की मांगों को अनसुनी करने के बाद कोल खनन कंपनी से पूछा है. उनहोंने कोल कंपनियों पर रैयतों की जमीन लेने के बाद उनका ख्याल नहीं रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि रैयतों के साथ अन्याय हो रहा है. बता दें कि
सोमवार को जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर संवैधानिक और गांधीवादी तरीक़े से धरना पर बैठे ग्रामीणों के ऊपर लाठीचार्ज की जिसके बाद ट्रांसपोर्टिंग की कार्रवाई शुरु कराई.

यह कार्रवाई गलत परंपरा की शुरुआत- अम्बा प्रसाद
लाठीचार्ज मामले में विधायक ने बताया कि पूर्व में इस तरह की कार्रवाई की गई और यह बढ़ता जा रहा है. पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना में इसी प्रकार 3 महीने से अपने उचित मांगों को लेकर शांतिपूर्वक धरना पर बैठे ग्रामीणों की मांग को अनसुना करते हुए पुलिस बल तैनात कर कंपनी का कोयला परिवहन कार्य शुरु किया गया था. विधायक ने कहा कि गलत परंपरा की शुरुआत हुई है जिससे कॉरपोरेट एवं पूंजीपति अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर गरीब और पिछड़े लोगों का हक अधिकार प्रशासन के सहयोग से छीन रहे हैं.
‘ऐसी कार्रवाई से जमीन और जीविका खो रहे लोग’
विधायक ने कार्रवाई के दुष्परिणाम का जिक्र करते हुए कहा कि
लोग लाठी खाते हुए अपनी जमीन और जीविका भी खो रहे हैं
अपना अधिकार खो रहे हैं. विधायक ने कहा कि वे अपने स्तर से
कोशिश करती हैं कि ग्रामीण रैयतों का आत्मविश्वास कानून व्यवस्था
और संविधान पर बना रहे, लेकिन अब इस तरह की
असंवैधानिक कार्यवाही से लोगों का भरोसा कानून एवं सरकार
से उठ सकता है. उन्होंने कांग्रेस राज्य प्रभारी अविनाश पांडे को भी इस समस्या से अवगत कराया है.
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