बोकारो : जिले के चास प्रखंड स्थित कुम्हरी गांव में दामोदर नदी और दामोदर जोरिया किनारे भगवान विष्णु का पद चिन्ह शीला में मौजूद है। जहां लोग भक्ति भाव से पूजा अर्चना करते हैं। पद चिन्ह के बाहर एक शीला में कुछ लिखा हुआ है, जिसे आजतक कोई भी पढ़ नहीं पाया है।
स्थानीय लोगों की मान्यता है की शीला में जो लिपि में बात लिखी गई है, इसमें खजाना का कोई रहस्य है। स्थानीय लोग बताते हैं कि सतयुग में भगवान विष्णु इस मनोरम जगह पर आए थे। लोगों में यह आम चर्चा पूर्वजों से की जाती है कि भगवान विष्णु दामोदर और जोरिया के निकट भगवान जगन्नाथ की मंदिर स्थापना करना चाहते थे। लेकिन रात के 12 बजे के करीब मुर्गे ने आवाज लगाई। जिसके कारण भगवान विष्णु ने जगन्नाथ मंदिर को यहां स्थापित करने के बजाए उसे जगन्नाथपुरी में ले जाकर स्थापित कर दिया।
यहाँ से जाने के दौरान भगवान विष्णु ने शीला में अपने पद चिन्ह को छोड़ दिया ताकि लोगों को इसका दर्शन होते रहे। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पद चिन्ह वाले शीला स्थल से एक पत्थर को ले जाया जा रहा था। लेकिन बगल के गांव स्थित बेलुन्जा के पास वह पत्थर जाकर रुक गया और सोना बन गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि शीला पर लिखें लिपि को पढ़ने के लिए अखंड मंडलेश्वर श्री श्री स्वामी स्वरूपानंद परमहंस देव भी आए थे, लेकिन उन्होंने भी लिपि को पढ़ने में सफलता नहीं पाई। इसके अलावा कई साइंटिस्ट भी इस लिपि को पढ़ने मे असफल रहे ।
जिस जगह पर भगवान विष्णु का पद चिन्ह है वह स्थल काफी मनोरम है। इस पद चिन्ह वाले स्थल से महज कुछ ही दूरी पर भगवान भोलेनाथ का आप रूपी शिवलिंग है, जो आदि काल से यहां अवस्थित है। जिसको चेचका धाम के रूप में जाना जाता है।