रांची: होली की तिथि को लेकर अलग-अलग पंचांगों में मतभेद सामने आए हैं। वाराणसी और मिथिला पंचांग के अनुसार इस वर्ष होली 15 मार्च को मनाई जाएगी, जबकि महावीर और ऋषिकेश पंचांग के अनुसार होली 14 मार्च को होगी।
क्यों है तिथि को लेकर असमंजस?
शास्त्रों के अनुसार, होली चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। वाराणसी पंचांग के अनुसार, 14 मार्च को दिन में 11:12 बजे तक पूर्णिमा रहेगी, जिसके बाद प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होगी। चूंकि 15 मार्च को सूर्योदय के समय प्रतिपदा तिथि होगी, इसलिए इस दिन होली मान्य मानी जा रही है।
काशी में पूर्णिमा तिथि के आधार पर होली मनाने की परंपरा है, इसलिए यहां 14 मार्च को होली मनाई जाएगी। वहीं, मिथिला पंचांग भी 15 मार्च को होली मान्य मानता है, क्योंकि प्रतिपदा तिथि उदयकाल में इसी दिन है।
बांग्ला पंचांग और अन्य परंपराएं
बांग्ला पंचांग के अनुसार, होली 14 मार्च को मनाई जाएगी। पुरोहित अशोक मुखर्जी के अनुसार, इसी दिन फगडोल यात्रा निकलेगी और चैतन्य महाप्रभु का जन्मदिन मनाया जाएगा।
होली पर विशेष ट्रेन व्यवस्था
होली के दौरान यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे ने कुछ ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने की घोषणा की है:
रांची-गोड्डा एक्सप्रेस और रांची-आरा एक्सप्रेस में 14 मार्च को द्वितीय श्रेणी स्लीपर का एक अतिरिक्त कोच जोड़ा जाएगा।
रांची-वाराणसी एक्सप्रेस में 13, 15, 17 और 18 मार्च को एक अतिरिक्त स्लीपर कोच उपलब्ध रहेगा।
होली की तिथि को लेकर विभिन्न पंचांगों में भिन्नता के कारण कुछ स्थानों पर 14 मार्च को और कुछ स्थानों पर 15 मार्च को होली मनाई जाएगी। श्रद्धालु अपने क्षेत्र की परंपरा और पंचांग के अनुसार निर्णय ले सकते हैं।