नई दिल्ली: Congress के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारी गड़बड़ी के आरोप पर अब चुनाव आयोग ने अपनी तरफ से पूरी जानकारी साझा की है। चुनाव आयोग ने अपनी तरफ से पूरी सफाई दी है। Congress के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर महाराष्ट्र चुनाव में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया साथ ही उन्होंने इस धांधली में चुनाव आयोग की मिलीभगत का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा ने अपने फायदे के लिए गलत तरीके से वोटिंग प्रतिशत बढ़ाया और अपनी पार्टी को फायदा पहुँचाया। इस मामले में जब चुनाव आयोग से सवाल किया गया तो चुनाव आयोग ने या तो जवाब नहीं दिया या फिर आक्रामक रवैया अपना कर विपक्ष को शांत करने की कोशिश की। अब इस मामले में चुनाव आयोग ने साफ किया है कि महाराष्ट्र चुनाव में करीब 6 करोड़ 40 लाख 87 हजार 588 लोगों ने वोट डाले थे। इस हिसाब से अगर प्रति घंटे औसत देखा जाये तो यह करीब 58 लाख वोट है।
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इस औसत के आधार पर अंतिम दो घंटे में 1 करोड़ 16 लाख मतदाता मतदान कर सकते थे जबकि सिर्फ 65 लाख मतदाताओं ने ही वोट डाले थे। प्रत्येक मतदान केंद्र पर राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के द्वारा एक पोलिंग एजेंट की नियुक्ति की गई थी जिसकी उपस्थिति में ही मतदान संपन्न हुआ। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मतदाता सूची में गलत तरीके से लोगों के नाम जोड़ने के आरोप का जवाब देते हुए बताया कि कानून के अनुसार चुनाव से ठीक पहले या हर वर्ष एक बार मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जाता और अंतिम मतदाता सूची सभी राजनीतिक दलों को प्रदान की जाती है।
इसके तहत Congress को भी मतदाता सूची उपलब्ध कराई गई है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भी अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन के बाद 9 करोड़ 77 लाख 90 हजार 752 मतदाताओं के विरुद्ध केवल 89 अपीलें प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास और सिर्फ एक अपील द्वितीय अपीलीय अधिकारी के पास दायर की गई थी जिससे स्पष्ट है कि चुनाव से पहले Congress या किसी अन्य पार्टी को मतदाता सूची को लेकर कोई आपत्ति नहीं थी। सभी मतदान केन्द्रों पर सभी पार्टियों के पोलिंग एजेंट मौजूद थे और उनकी मौजूदगी में ही पूरी मतदान प्रक्रिया संपन्न हुई थी।
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महाराष्ट्र की मतदाता सूची पर लगाए गए यह निराधार आरोप कानून के शासन का अपमान हैं। चुनाव आयोग ने इन सभी तथ्यों को अपनी 24 दिसंबर 2024 की उत्तर-पत्र में कांग्रेस को उपलब्ध कराया था, जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन तथ्यों को Congress के द्वारा जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है और बार-बार वही आरोप दोहराए जा रहे हैं।
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