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पटना: राज्य में शराबबंदी के बावजूद अवैध रूप से शराब का कारोबार जोरों पर चल रहा है। विगत दिनों बिहार के सारण और सिवान में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हो गई। विपक्ष राज्य सरकार पर लगातार हमलावर बना हुआ है और शराबबंदी कानून पर सवाल उठा रहा है। विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर शराब कारोबारियों को संरक्षण देने का आरोप लगा रहा है। शुक्रवार को राजद ने सोशल मीडिया पर शराब के बोतल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फोटो लगा कर लिखा है कि ‘सुशासन ब्रांड व्हीस्की’, ओनली अवलेबल इन बीजेपी-नीतीश रुल्ड बिहार’।
राजद के इस पोस्ट पर जदयू ने भी पलटवार किया और पूछा शराबबंदी नहीं है तो ऐसे ही शराब पीने और बेचने वाले जेल जा रहे हैं। इसी कड़ी में हमारे संवाददाता महीप राज ने बात की कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद से। उन्होंने भी राज्य में शराबबंदी कानून पर सवाल उठाया और कहा कि शराबबंदी कानून है लेकिन शराबबंदी के बावजूद राज्य में शराब कैसे बिक रहा है यह जदयू और भाजपा के लोग भी जानते हैं।
बड़े लोग शामिल हैं अवैध शराब कारोबार में
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य कर क्या रही है, मुझे ताज्जुब होती है। बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध तरीके से गांव गांव में शराब बन रहा है, बॉर्डर इलाकों से तस्करी हो रही है और घर घर में होम डिलीवरी हो रही है क्या सरकार को, सरकार में बैठे लोग और पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं है? इसमें बड़े बड़े लोग शामिल है और फिर बेरोजगार, नौजवानों को शामिल कर दिया गया है। इसका बुरा असर समाज पर, परिवार पर पड़ रहा है। यह एक गंभीर समस्या है, सरकार फेल है।
शराबबंदी के पक्ष में लेकिन
कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि जब समाज का एक वर्ग पूरी तरह से भ्रष्टाचार में शामिल हो और समाज में बहुत सारे लोग आसान तरीके से पैसे कमाने के लिए इस तरह के धंधे लग जाएं। इसमें बड़े बड़े लोग शामिल हैं, सरकार के लोग शामिल हैं, या सरकारी तंत्र फेल है। मैं शराबबंदी के समर्थन में हूं लेकिन शराब के होम डिलीवरी होने लग जाए, और शराब न पिया जाए, शराब पीने से होने वाले नुकसान का प्रचार क्यों नहीं हो रहा है। स्वतः लोग शराब छोड़ने लगेंगे। विदेशों में जागरूकता फैलाया जाता है। बिहार सरकार शराबबंदी लागू करने में फेल है।
भाजपा और जदयू ने शुरू किया था नामकरण
कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि नामकरण आचरण पर पड़ता है। मैं नामांकरण नहीं करता। जदयू ने ही भाजपा को ‘बड़का झूठा पार्टी’ कहा था। इंडिया गठबंधन को इंडि कहते हैं, तो मैं उनके एनडीए को ‘अंडा’ कहता हूं। मैं इसमें पड़ता ही नहीं हूं कि कौन शराब माफिया है, कौन पैसे खाता है, ये सब सरकार को और प्रशासन को मालूम है। नाम से क्या है, असली मुद्दे से होना चाहिए।
सांप्रदायिकता के साथ घालमेल की है सरकार
नीतीश कुमार का फोटोयुक्त शराब की बोतल सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत राजनीति नहीं करता हूं, कांग्रेस पार्टी संजीदा पार्टी है लेकिन अगर मुद्दा है तो कुशासन का, भ्रष्टाचार की सरकार है। सांप्रदायिकता के साथ घालमेल कर भाजपा जदयू सरकार चला रही है। उनके दो लोग बिहार के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, बिहार में पलायन का मुद्दा है, रोजगार का मुद्दा है। सब लोग आपसे में एक दूसरे के साथ मिल जुल कर रह रहे हैं, भाजपा क्या चाहती है कि लोग एक दूसरे का विरोध करने लगें।
उपचुनाव में जन सुराज
कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि जन सुराज कुछ दिन पहले तक पैसे लेते थे और योजना बना कर देते थे। अब वे खुद चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं। बिहार की तरक्की नहीं हुई है, बेरोजगारी है यह बात तो सब कह रहे हैं, इसे दूर कैसे कर सकते हैं यह बताएं तब तो। वहीं उन्होंने उप चुनाव में परिवारवाद के मामले में कहा कि परिवारवाद का सवाल ही बेकार है। सवाल यह है कि जनता की परेशानियों को कैसे दूर किया जाए। जनता अगर समझती है कि ये सक्षम है तो ही वोट देती है। देश में दो अलग अलग विचारधारा के बीच लड़ाई है।
मांझी की नहीं कोई आइडियोलॉजी
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी पर को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि जीतनराम मांझी बुजुर्ग नेता हैं लेकिन उनका अपना कोई आइडियोलॉजी नहीं है। वे किसी भी विचारधारा को अपना लेते हैं, किसी से भी अपशब्द सुन लेते हैं। मैं समझता था कि वे दलितों के हितैषी हैं लेकिन अब दिखने लगा है कि वे दलितों के कितने हितैषी हैं। वे समझते हैं कि इमामगंज सीट उनका है, लेकिन इस बार इमामगंज महागठबंधन का है। उनके स्वजातीय भी देख रहे हैं कि मांझी जी का घर आगे बढ़ गया लेकिन बाकि लोगों का क्या विकास हुआ है?
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पटना से महीप राज की रिपोर्ट
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