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पटना : भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रभारी कन्हैया कुमार ने बिहार प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेसवार्ता की। उन्होंने बताया कि भाजपा-जदयू सरकार ने बिहार को पिछले 20 सालों में बर्बाद और बदहाल कर दिया है। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, पलायन, अपराध और संसाधनों की लूट सब चरम पर हैं। कांग्रेस भाजपा-जदयू की सत्ता से 20 साल की बिहार की बदहाली पर आने वाले दिनों में 20 सवाल करेगी।

झूठी घोषणाएं और अदानी के वारे न्यारे
जुलाई 2024-25 के बजट भाषण (बिंदु संख्या-31) में भाजपा-जदयू सरकार ने बिहार के पिरपैंती में 21,400 करोड़ लागत की 2400 मेगावाट की विद्युत परियोजना की बड़ी-बड़ी घोषणा की थी। मगर आज साफ हो गया कि यह घोषणा सिर्फ जुमलेबाजी थी। केंद्रीय बजट की घोषणा को ताक पर रखकर इस परियोजना को DBFOO (Design, Build, Finance, Own & Operate) आधार पर अदानी पावर को सौंपा गया। कोयला मंत्रालय की स्थायी लिंकेज समिति (दीर्घकालीन) ने 24 फरवरी 2025 को कोयला लिंकेज की सिफारिश की और 16 जुलाई 2025 को इसे अदानी को दे दिया गया।
कीमती जमीन कौड़ियों के दाम अदानी के नाम
भाजपा-जदयू सरकार ने पांच अगस्त 2025 को कैबिनेट में फैसला लिया कि अदानी पावर को पिरपैंती की 2400 मेगावाट परियोजना हेतु 1020.60 एकड़ जमीन मात्र एक सालाना लीज पर दी जाएगी।
बिहार को महंगी बिजली का सौदा
बिहार सरकार ने अदानी पावर से 2400 मेगावाट बिजली 6.075 प्रति यूनिट की दर से 25 वर्षों के लिए खरीदने का समझौता किया है।
वेरिएबल चार्ज = 1.91 प्रति यूनिट
फिक्स चार्ज = 4.165 प्रति यूनिट
कुल = 6.075 प्रति यूनिट
जबकि यही अदानी कंपनी महाराष्ट्र में 3.67, यूपी में 3.727 और पश्चिम बंगाल में 3.6 प्रति यूनिट फिक्स चार्ज पर ठेके ले चुकी है। सवाल उठता है कि बिहार सरकार ने अदानी से रेट कम कराने के लिए बातचीत क्यों नहीं की? बिहार को इससे हजारों करोड़ का नुकसान होगा और सत्ता धारियों की जेब में मोटा माल जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक पेड़ मां के नाम लगवाते हैं और हजारों एकड़ के जंगल अदानी को कटवाते हैं। मोदी बढ़िया है। संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर अभय दुबे, मीडिया चेयरमैन राजेश राठौड़, प्रवक्ता आनंद माधव और सोशल मीडिया के चेयरमैन सौरभ सिन्हा मौजूद थे।
देशभर में अदानी को जंगल-जमीन
1) असम – 3000 बीघा
2) छत्तीसगढ़ – 1742 हेक्टेयर का घना जंगल
3) मध्यप्रदेश (धीरौली) – 3500 एकड़ का जंगल
4) बिहार (पिरपैंती) – 1020 एकड़ जमीन
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विवेक रंजन की रिपोर्ट