रांची. नगड़ी जमीन अधिग्रहण आंदोलन को लेकर वर्ष 2012 में दर्ज केस में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की समेत 10 आरोपियों को बड़ी राहत मिली है। MP-MLA की विशेष अदालत ने इस मामले में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, विधायक अरूप चटर्जी, पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह समेत 10 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
बंधु तिर्की समेत ये हुए बरी
बंधु तिर्की (पूर्व मंत्री), अरूप चटर्जी (विधायक), सालखन मुर्मू (पूर्व सांसद), विनोद कुमार सिंह (पूर्व विधायक), दयामनी बारला (समाजसेवी), नन्दी कच्छप, किशोर महतो, राजेंद्र महतो, सजाद अंसारी और समनुर मंसूरी मामले में बरी हुए हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला साल 2012 में नगड़ी की जमीन अधिग्रहण के खिलाफ चलाए गए जन आंदोलन से जुड़ा है। इस दौरान आंदोलनकारियों द्वारा राजभवन का घेराव किया गया था, जिसके बाद कोतवाली थाना में कांड संख्या 609/2012 के तहत 27 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इनमें से 10 पर आरोप गठित किए गए थे।
अदालती कार्यवाही और फैसला
अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 6 चार्जशीटेड गवाहों में से 5 को पेश किया। लेकिन, अनुसंधानकर्ता अधिकारी मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण गवाही दर्ज नहीं हो सकी। अदालत ने सबूतों की अपर्याप्तता को आधार बनाते हुए सभी 10 आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया। MP-MLA कोर्ट का कहना था, “अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि आरोपितों ने किसी आपराधिक गतिविधि में भाग लिया।”
अब भी जारी है आंदोलन
जिस नगड़ी की जमीन को लेकर 2012 में आंदोलन हुआ था, उस जमीन को बचाने की लड़ाई अब भी जारी है। वर्तमान समय में भी सामाजिक संगठनों और ग्रामीणों द्वारा भूमि अधिकारों को लेकर आंदोलन चलाया जा रहा है।
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