पटना : बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन आज विपक्ष ने सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया, जिसे नहीं माना गया। जाति जनगणना कराने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार विधानसभा का एक डेलिगेशन बनाने की मांग की है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि कई बार मांग करने के बाद भी हम लोगों को सदन में बार-बार प्रस्ताव लाने से रोका जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दुविधा से बचने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को दिया दो प्रस्ताव
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने प्रस्ताव दिया है कि विधानसभा की एक कमिटी बने जिसका नेतृत्व खुद मुख्यमंत्री करें। इसके बाद प्रधानमंत्री से समय लेकर हम लोग वहां जाएं और अपनी मांग को उनके सामने रखें। अभी फिर से विपक्ष के नेताओं के साथ हमारी बैठक होने वाली है।
बैठक में यही फैसला लेना चाहेंगे कि मुख्यमंत्री से मिलकर इसपर सर्वसम्मति बनाई जाए। सदन में हमने कोशिश कर ली लेकिन हमें प्रस्ताव लाने नहीं दिया गया। हमारी पार्टी और खासकर लालू प्रसाद यादव इस मुद्दे को शुरू से उठाते रहे हैं। जब मुख्यमंत्री को भी इसपर एतराज नहीं है तो हम उनसे ये कहना चाहते हैं कि आप प्रधानमंत्री से मिलने का समय लीजिए कि उनसे बिहार विधानसभा का एक डेलिगेशन उनसे मिलना चाहता है।
इस डेलिगेशन में मेरे समेत हर दल के सदस्य शामिल होंगे। प्रधानमंत्री से मिलकर हम मांग करना चाहते हैं कि जनगणना में जो भी जातियां छूट गई हैं उन्हें शामिल किया जाए। दूसरा प्रस्ताव उन्होंने मुख्यमंत्री को दिया कि अगर आप डेलिगेशन नहीं बनाएंगे तो आप अगर आप जातिगत जनगणना के पक्षधर हैं तो कर्नाटक सरकार की तरह अपने खर्च पर जनगणना करवाइए। बिहार सरकार घोषणा कर दे कि बिहार सरकार अपने खर्च पर जातिगत जनगणना कराएगी।