Bokaro: जिले के चास प्रखंड स्थित भर्रा बस्ती का एक दिव्यांग परिवार इन दिनों आर्थिक तंगी और बदहाली से गुजर रहा है। इस परिवार में एक बहन समेत दो भाई दिव्यांग हैं, जिनके जीवन का सहारा एक छोटी सी दुकान थी। लेकिन करीब एक साल पहले चोरों ने दुकान को लूटकर सब कुछ छीन लिया, जिसके बाद से परिवार दो वक्त की रोटी के लिए भी तरस रहा है।
चोरी के बाद छिन गया सहाराः
परिवार की जिम्मेदारी उठाने वाले दिव्यांग युवक राजा बाबू ने बताया कि उसके पिता का असामयिक निधन हुए 10 साल बीत चुके हैं। तबसे परिवार किसी तरह गुजर-बसर कर रहा था। लेकिन दुकान में चोरी की घटना के बाद अब रोजी-रोटी का एकमात्र साधन भी खत्म हो गया। राजा बाबू ने बताया कि वह उसकी बहन और भाई तीनों दिव्यांग हैं और अब किसी के सहारे पर जिंदगी कट रही है। “रहने को घर नहीं, खाने को दाना नहीं, और रोजगार का कोई जरिया नहीं,”- कहते हुए उसकी आंखें नम हो गई।
डीसी से उम्मीद की आसः
राजा बाबू हाल ही में अपनी फरियाद लेकर बोकारो डीसी कार्यालय पहुंचा, लेकिन उस दिन अधिकारी के नहीं रहने से उसे खाली हाथ लौटना पड़ा। फिर भी उसने उम्मीद नहीं छोड़ी। उसने कहा- “अगली बार मैं फिर आऊंगा… मुझे भरोसा है कि डीसी साहब मेरी मदद जरूर करेंगे।” राजा बाबू ने बताया कि अगर बोकारो स्टील प्रबंधन जमीन उपलब्ध करा दे, तो उसे सिर के उपर छत मिल जाएगी और वह फिर से कोई छोटा कारोबार शुरू कर सकता है।
रिपोर्टः चुमन कुमार
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