नई दिल्ली : IRCTC Scam – आईआरसीटीसी घोटाले मामले में मंगलवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में फैसले पर सुनवाई हुई। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी के साथ पांच लोग आरोपी हैं। कोर्ट ने मामले में सात अगस्त की अगली तारीख तय की है। इससे पहले 29 मई को मामले में सुनवाई हुई थी, लेकिन फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
IRCTC Scam : टेंडर प्रोसेस में हुई थी हेरा-फेरी
आपको बता दें कि सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की तरफ से कहा गया था कि लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया था। इन्हें रख-रखाव के लिए लीज पर देने की योजना थी। इस कड़ी में इसका टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया था और टेंडर प्रोसेस में हेरा-फेरी हुई थी। टेंडर की यह पूरी प्रक्रिया आईआरसीटीसी के तत्कालीन एमडी पीके गोयल के द्वारा की गई थी।
यह भी देखें :
IRCTC Scam : 17 जुलाई 2017 को हुआ था FIR
वहीं 17 जुलाई 2017 को सीबीआई ने लालू यादव समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके बाद विनय कोचर समेत अन्य आरोपियों के कुल 12 ठिकानों पर छापेमारी अभियान चला था। सीबीआई का आरोप है कि विनय और विजय कोचर को होटलों की लीज दिलाने के बदले लालू यादव ने पटना में तीन एकड़ जमीन ली थी। कोचर बंधुओं ने यह जमीन सरला गुप्ता की कंपनी को बेच दी और बाद में उस कंपनी का मालिकाना हक राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की कंपनी के पास चला गया। इसी जमीन पर बाद में बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा था।
यह भी पढ़े : IRCTC की बड़ी कार्रवाई: टिकट बुकिंग में धांधली रोकने के लिए 3.5 करोड़ फर्जी आईडी ब्लॉक, AI तकनीक से एजेंटों पर शिकंजा
Highlights