रांची: झारखंड में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 18 अगस्त तक राज्य में 146 डेंगू के मरीज सामने आए हैं। इनमें से सबसे अधिक 51 मामले रांची जिले में दर्ज किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, निजी अस्पतालों और क्लिनिकों से भी डेंगू के कई मामलों की सूचना मिल रही है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वास्तविक संख्या 250 से भी अधिक हो सकती है।
वर्तमान स्थिति को देखते हुए, रांची के रिम्स अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तीन डेंगू और दो मलेरिया के मरीज भर्ती हैं। राष्ट्रीय वेक्टर बोर्न डिजीज कार्यक्रम के तहत डेंगू प्रभावित जिलों में मच्छरों के लार्वा की जांच की जा रही है। प्रभावित लोगों की पहचान कर उनका इलाज किया जा रहा है और विभिन्न जिलों को लार्वा जांच के लिए मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं।
राज्य के पश्चिमी जिलों जैसे पश्चिमी सिंहभूम, पाकुर, लोहरदगा, जामताड़ा और गुड्डा में डेंगू का कोई मामला नहीं पाया गया है, जबकि अन्य क्षेत्रों में डेंगू के मामलों में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति को लेकर अलर्ट मोड में है और एहतियात के कदम उठा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रांची में अब तक 40,050 घरों से लार्वा के सैंपल एकत्र किए गए हैं। इनमें से कई सैंपल की पुष्टि हो चुकी है और रांची में लगभग 900 डेंगू के संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई है, जिनमें से 50 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इस स्थिति को देखते हुए रिम्स और सदर अस्पताल में डेंगू के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। रिम्स में लगभग 20 और सदर अस्पताल में 10 डेंगू के मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से कुछ मरीजों की स्थिति चिंताजनक बताई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू की रोकथाम के लिए एहतियाती कदम उठाते हुए लोगों को जागरूक करने के प्रयास किए हैं। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे डेंगू से बचाव के उपायों का पालन करें और अपने आसपास की सफाई पर ध्यान दें। स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा लगातार लार्वा की जांच की जा रही है और संबंधित जिलों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।