धनतेरस 2025 का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और राशि अनुसार खरीदारी जानिए। लक्ष्मी-कुबेर पूजन का सही समय और धनवंतरी पूजा से जुड़े उपाय यहां पढ़ें।
Dhanteras 2025: धनतेरस 2025 शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
रांची: धनतेरस, दीपावली की शुरुआत का प्रतीक दिन है। इस दिन भगवान धनवंतरी, मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा की जाती है। धनवंतरी जी को आयुर्वेद का जनक माना गया है, इसलिए स्वास्थ्य की कामना से उनकी विशेष आराधना की जाती है।
पूजा से पहले कलश की स्थापना करना शुभ होता है। यह कलश सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का होना चाहिए — स्टील या लोहे का नहीं। कलश में गंगाजल भरकर भगवान धनवंतरी के सामने रखें और उन्हें पीले पुष्प, पीली मिठाई तथा पीले वस्त्र अर्पित करें।
धनवंतरी जी के मंत्र — “ॐ धन्वंतरये नमः” का जप करें।
मां लक्ष्मी की पूजा के लिए गुलाब, कमल के पुष्प, दीपक और श्री यंत्र का प्रयोग करें।
Main Keywords: Dhanteras 2025, Puja Muhurat
Key Highlights
धनतेरस 2025 की तिथि: 18 अक्टूबर, शनिवार
त्रयोदशी तिथि आरंभ: दोपहर 1:28 बजे से
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे तक
पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 7:16 से 8:20 बजे तक
प्रदोष काल: 5:48 से 8:20 बजे तक
वृषभ काल: 7:16 से 9:11 बजे तक
इस दिन भगवान धनवंतरी, कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है।
धनतेरस पर क्या खरीदें
इस दिन सोना-चांदी के अलावा कुछ वस्तुएं विशेष शुभ मानी गई हैं:
झाड़ू
नमक
श्री यंत्र या कुबेर यंत्र
चांदी का कछुआ या स्वस्तिक
धनवंतरी जी की मूर्ति या चित्र
दवाइयों का दान
झाड़ू और नमक का दान किसी मंदिर में करना अत्यंत शुभ
Dhanteras 2025: राशि अनुसार खरीदारी के सुझाव
मेष राशि: मूंगा, लाल फूल, लाल दान (गुड़, मसूर दाल)
वृषभ राशि: मोती, दूध से बनी मिठाई, रुद्राक्ष
मिथुन राशि: पन्ना, हरी मिठाई, हरी इलायची
कर्क राशि: कमल गट्टा, पीले वस्त्र, चांदी की पायल
सिंह राशि: तांबे के बर्तन, रुद्राक्ष, गुड़, नारंगी वस्त्र
कन्या राशि: ग्रीन जेड, पौधा लगाएं, हरी चुन्नी
तुला राशि: ओपल, फिरोजा, गुलाब के फूल, इत्र
वृश्चिक राशि: लाल चंदन, लाल मिठाई, धार्मिक पुस्तकें
धनु राशि: पुखराज, पीले वस्त्र, कुबेर पोटली
मकर राशि: लैपिस लजुली, काले चने, नारियल
कुंभ राशि: रुद्राक्ष, एमेथिस्ट, भगवान शिव की उपासना
मीन राशि: पीला रूमाल, पुखराज, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ
Dhanteras 2025:आस्था और आचरण
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जो वस्तुएं आप धनतेरस के दिन खरीदते हैं, उन्हें तुरंत उपयोग में न लाएं। पहले उन्हें पांच दिन तक “चार्ज” करें — अर्थात पूजा स्थल पर रखें और दिवाली के बाद ही प्रयोग करें।
धनतेरस केवल खरीदारी का पर्व नहीं, बल्कि संपन्नता, स्वास्थ्य और कृतज्ञता का उत्सव है। जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा और सेवा भाव से पूजा करता है, उस पर मां लक्ष्मी, कुबेर और धनवंतरी की कृपा पूरे वर्ष बनी रहती है।
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