Highlights
धनतेरस 18 अक्टूबर को शुभ खरीदारी, दीपावली 20 अक्टूबर को और भाई दूज 23 अक्टूबर को। पूजा और त्योहारों की पूरी जानकारी यहां पढ़ें।
Dhanteras 2025 Diwali Special – दीपोत्सव 2025 की शुरुआत 18 अक्टूबर यानी धनतेरस से हो रही है और यह पर्व 23 अक्टूबर तक यानी भाई दूज तक मनाया जाएगा। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाए जाने वाले धनतेरस (धन त्रयोदशी) पर सोना, चांदी, वाहन, जमीन, घर और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदना अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की कामना के लिए भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाएगी।
Key Highlights:
18 अक्टूबर: धनतेरस 2025 – सोना, चांदी, वाहन, जमीन और इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदना शुभ।
19 अक्टूबर: नरक चतुर्दशी / Choti Diwali और धनवंतरी जयंती।
20 अक्टूबर: दीपावली 2025 / Diwali Puja – लक्ष्मी और महाकाली पूजा, अमावस्या तिथि में।
22 अक्टूबर: गोवर्धन पूजा / Govardhan Puja – अन्नकूट उत्सव।
23 अक्टूबर: भाई दूज / Bhai Dooj 2025 – विशाखा नक्षत्र और आयुष्मान योग में।
ज्योतिष अनुसार धनतेरस ब्राह्म योग व पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में और दीपावली हस्त नक्षत्र, बुधादित्य योग व कलात्मक राजयोग में मनाई जाएगी।
Dhanteras 2025 Diwali Special : दीपोत्सव 2025 का क्रम:
18 अक्टूबर – धनतेरस : शुभ खरीदारी, धन और समृद्धि के लिए पूजा।
19 अक्टूबर – छोटी दिवाली / नरक चतुर्दशी: साथ ही धनवंतरी जयंती।
20 अक्टूबर – दीपावली / लक्ष्मी पूजा और महाकाली पूजा: अमावस्या तिथि में संध्या के समय पूजा।
21 अक्टूबर – भौमवती: स्नान दान और धार्मिक अनुष्ठान।
22 अक्टूबर – गोवर्धन पूजा / अन्नकूट उत्सव: स्वाति नक्षत्र और प्रीति योग में।
23 अक्टूबर – भाई दूज: विशाखा नक्षत्र और आयुष्मान योग में भाई-बहन का त्योहार।
Dhanteras 2025 Diwali Special
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, धनतेरस ब्राह्म योग व पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में मनेगा। वहीं दीपावली का पर्व हस्त नक्षत्र, बुधादित्य योग और कलात्मक राजयोग में मनाया जाएगा। दीपावली का मुख्य पूजन प्रदोष काल में होगा और 20 अक्टूबर की संध्या में अमावस्या तिथि होने के कारण यह रात विशेष रूप से पूजनीय मानी जाती है।
Dhanteras 2025 Diwali Special : शरद पूर्णिमा और लक्ष्मी भ्रमण
6 अक्टूबर की व्यापिनी पूर्णिमा पर शरद पूर्णिमा का व्रत और कोजागरी उत्सव मनाया जाता है। बंगाली समुदाय इस दिन लक्खी पूजा करते हैं। रात में खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है, जिससे मां लक्ष्मी की कृपा घर पर बनी रहती है।
इस तरह, दीपोत्सव 2025 की श्रृंखला 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक धार्मिक मान्यता और ज्योतिष के अनुसार व्यवस्थित रूप से मनाई जाएगी, जिसमें हर दिन का महत्व अलग-अलग पूजा और अनुष्ठानों के अनुसार है।