पटना : पुलिस सहायता, अगलगी की घटना, चिकित्सा सहायता, महिला बच्चों की सहायता, वरिष्ठ नागरिकों की सेवा, सड़क दुर्घटना और आपातकालीन हालात के लिए डायल 112 को शुरू किए। एक साल में हो गया है। डायल-112 करते ही कुछ मिनटों जीपीएस लगी गाड़ी आपकी सहायता के लिए आपके पास पहुंच जाती है। अब सरकार इसका द्वितीय चरण बहुत जल्द शुरू करने जा रही है।
बिहार में आम लोगों के लिए इमरजेंसी रिस्पांस वाहनों की सेवा शुरू की है। एक साल हो गए हैं। इन वाहनों को जिला मुख्यालय हो और दूसरे महत्वपूर्ण स्थलों पर तैनात रखा जाता है। इनसे जुड़े कॉल सेंटर में कार्यरत सभी कर्मी महिलाएं होती हैं जो दफ्तर काम कर रही हैं। यह खुशी की बात है कि आज महिला सशक्तिकरण क्षेत्र में एक और नया अध्याय जोड़ता हुआ दिख रहा है।
डायल-112 के माध्यम से आप दुर्गास्थान पुलिस सहयता मेडिकल इमरजेंसी समेत किसी भी आफत में डायल कर सकते हैं। डायल-112 के माध्यम से आगजनी दुर्घटना पुलिस सहायता मेडिकल इमरजेंसी समेत किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए केवल 112 नंबर डायल करना होता है। यह सेवा निशुल्क है। बिहार के एडीजी मुख्यालय जेएस गंगवार की मानें तो आने वाले समय में इसका और विस्तार किया जाएगा। बाइक की सेवा भी ली जाएगी। बाइक सवार पुलिसकर्मी वैसे उठाना पर तुरंत पहुंच सकेंगे जहां पर बड़ी गाड़ियां नहीं पहुंचती हैं।
CM नीतीश ने 6 जुलाई को किया था डायल-112 का उद्घाटन
छह जुलाई को डायल-112 का उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया था। अब इसकी द्वितीय चरण भी आने को है बात कर लिया जाए तो अभी तक कुल 4,50,000 लोगों ने डायल-112 का सेवा प्रदान किया है। 4,50,000 लोगों ने इस सेवा का लाभ उठाया है। डायल-112 अब पूरे बिहार में काम कर रही है। जिसका कंट्रोल रूम राजधानी पटना में बनाया गया है। लोग इसका सही समय पर इस्तेमाल कर रहे हैं। एडीजी मुख्याल ने बताया कि अब प्रत्येक दिन 3089 कॉल आ रही है और महज कुछ मिनटों में पुलिस उनकी सहायता के लिए वहां पहुंच जाती है।
चंदन तिवारी की रिपोर्ट