बगैर आंकड़ों के ही चलता रहा बिहार सरकार
Patna-यूक्रेन में फंसे बिहारी छात्रों का मुद्दा भी आज सदन में भी उठा.सदन में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माना कि इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि इतनी बड़ी संख्या में बिहारी छात्र विदेश की धरती पर मेडिकल की पढ़ाई कर करते हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मान कर चलते थें कि कुछ बच्चे विदेशी धरती पर मेडकल की पढ़ाई करते हैं, लेकिन सामने आ रहा आंकड़ा चौंकाने वाला है. अब इस आंकड़ों को देखकर इसका समाधान खोजना होगा , उसकी रणनीतियां बनानी होगी.
यह केवल राज्य सरकार का मामला नहीं है, हम सभी को इस पर विचार करना चाहिए. हमें ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि हमारे बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश की धरती पर जाना नहीं पड़े.
दरअसल इस मुद्दे पर जेडीयू विधायक डॉ संजीव कुमार और अन्य सदस्यों की तरफ से सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया गया था. जिसके जवाब में श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि पिछली सरकार के तुलना में केंद्र सरकार काफी संख्या में मेडिकल कॉलेजों को खोलने का काम किया है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने अपनी बात रख रहे थें.
क्या बगैर आंकड़ों के ही बनाया जाता रहा बिहार के विकास की योजनाएं?
इसके साथ ही अब यह सवाल भी उठने लगा है कि आखिर विदेशी धरती पर मेडिकल समेत दूसरे विषयों की पढ़ाई करने के लिए जाने वाले बिहारी छात्रों का आंकड़ा बिहार सरकार के पास क्यों नहीं है, सवाल यह भी है कि क्या बगैर आंकड़ों के ही बिहार में विकास की योजनाएं बनायी जाती रही, जब आंकड़ें ही नहीं है, तब विकास की योजनाएं किस प्रकार बनायी जाती रही होगी. फिर योजनाओं का जमीन पर उतरने का दावा किस प्रकार किया जाता रहा है. क्या सिर्फ कागजी योजनाओं के सहारे बिहार में विकास की बहार बहायी जा रही है. क्या सिर्फ कागजी घोषणाओं को सहारे ही नीतीश कुमार बिहार में 17 वर्ष तक सत्ता पर काबिज रहें.
इधर यूक्रेन में फंसे अभागे छात्र और अपनी जमीन पर लौट गए खुशकिस्मत छात्रों की चिंता
बता दें कि यूक्रेन और रुस में जारी जंग के बीच (Russia Ukraine War) बिहारी छात्र लौट रहें हैं, जंग के बीच यू्क्रेन में फंसे छात्रों के द्वारा अभी भी राज्य सरकार और केन्द्र की सरकार से वापस लाने की व्यवस्था करने की गुहार लगायी जा रही है, केन्द्र सरकार ने छात्रों की वापसी के लिए ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की है, अब तक हजारों छात्रों को वापस लाया गया है, लेकिन अभी भी हजारों छात्र वतन वापसी की राह देख रहे हैं. इस बीच जंग के बीच एक छात्र की मौत की खबर भी आई है.
छात्र इस बात को लेकर भी चिंतित है कि यह युद्ध कितना लम्बा खिंचेगा, स्थिति कब सामान्य होगी, कब ये छात्र वापस अपनी डिग्री को पूरा करने के लिए वापस जा सकेंगे. यदि युद्ध लम्बा खिंचा तो पढ़ाई में गैप आने के कारण डिग्री बेकार होने का खतरा भी मंडरा रहा है.