Muzaffarpur– जीआई टैग प्राप्त मुजफ्फरपुर की लीची का डंका भले ही पूरी दुनियां में बजता हो, लेकिन इन किसानों को रेलवे का वह पार्सल नहीं मिल रहा है, जिससे वह अपनी लीची को मुम्बई भेज सके. किसानों का कहना है कि देश में मुम्बई में ही लीची की अच्छी कीमत मिलती है, लेकिन रेलवे की इस लापरवाही के कारण हमें इसकी कीमत नहीं मिल पा रही है.
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रेलवे का पार्सल का इंतजार करते लीची किसान
बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि पिछले माह रेलवे के अधिकारियों से बात हुई थी, रेलवे की ओर से इसका समाधान निकालने का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गयी. इस बार फसल भी बेहतर हुई है, लेकिन लगता है कि लीची को स्थानीय बाजार में ही खपाना पड़ेगा. इस प्रकार लीची किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
इधर लीची किसानों की इस परेशानी को देखते हुए एक बार फिर से रेलवे अधिकारियों से बात हुई है. रेलवे की ओर से 18 मई से ढुलाई शुरु करने का आश्वासन भी दिया गया है. लेकिन किसान इस आश्वासन पर विश्वास करने को तैयार नहीं है, उनका कहना है कि धीरे-धीरे समय बितता जा रहा है. यदि समय रहते इसका निदान नहीं निकाला गया तो किसान कहीं के नहीं रहेंगे. देखना होगा कि रेलवे किसानों के इस दर्द को सुनता है या नहीं. या किसानों को औने पौने दाम पर स्थानीय बाजार में ही इसे खपाने के लिए विवश होना पड़ेगा.