दीपावली 2025 सोमवार 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। जानें शुभ लग्न, चौघड़िया, पूजा विधि और लक्ष्मी पूजन का सही समय। शुभ मुहूर्त में करें आराधना।
Diwali 2025 Puja Muhurat: दीपावली 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि इस वर्ष 20 अक्टूबर (सोमवार) को पड़ रही है। आचार्य प्रणव मिश्रा के अनुसार, अमावस्या तिथि का प्रारंभ दोपहर 2:44 बजे से होगा और इसका समापन 21 अक्टूबर को शाम 4:26 बजे होगा।
Key Highlights:
धनतेरस के साथ दीपोत्सव की शुरुआत, दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी
कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 2:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 4:26 बजे तक रहेगी
वृष लग्न (06:51 PM से 08:48 PM) लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे शुभ माना गया
श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में महाआरती और 108 दीपों से होगा विशेष श्रृंगार
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दीपावली सौभाग्य और समृद्धि का पर्व है
21 अक्टूबर को सोहराई व भौमवती अमावस्या का पर्व भी मनाया जाएगा
रात्रि व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को होने के कारण दीपावली इसी दिन मनाई जाएगी।
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार गृहस्थों के लिए लक्ष्मी पूजन के शुभ लग्न निम्न हैं:
वृश्चिक लग्न: प्रातः 08:16 से 10:23 बजे तक
वृष लग्न: संध्या 06:51 से 08:48 बजे तक (सबसे शुभ लग्न)
प्रदोष काल: संध्या 05:17 से 07:56 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दिन 11:10 से 11:56 बजे तक
Diwali 2025 Puja Muhurat:व्यापारियों के लिए विशेष पूजा लग्न
ज्योतिष के अनुसार व्यापारियों के लिए निम्न लग्न विशेष फलदायी माने गए हैं:
वृश्चिक लग्न: सुबह 08:06 से 10:23 बजे तक
कुंभ लग्न: दोपहर 02:13 से 03:44 बजे तक
वृष लग्न: शाम 06:51 से 08:48 बजे तक
सिंह लग्न: रात्रि 01:19 से 03:33 बजे तक
Diwali 2025 Puja Muhurat: दीपावली पूजन का चौघड़िया समय
अमृत: प्रातः 05:49 – 07:15
शुभ: प्रातः 08:41 – 10:07
चार: अपराह्न 12:59 – 02:25
लाभ: अपराह्न 02:25 – 03:51
अमृत: संध्या 03:51 – 05:17
चार: संध्या 05:17 – 06:51
लाभ: रात्रि 09:59 – 11:33
शुभ: रात्रि 01:07 – 02:41
Diwali 2025 Puja Muhurat: श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में दीपोत्सव की तैयारी
रांची के अपर बाजार स्थित श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में धनतेरस के दिन भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया। दीपावली पर भगवान का चांदी के मुकुट और नए वस्त्रों से भव्य श्रृंगार किया जाएगा।
मंदिर में सवा पांच किलो लड्डू का भोग, महाआरती और 108 दीपों का प्रज्वलन किया जाएगा। भक्तों के दर्शन हेतु विशेष सजावट की गई है।
लक्ष्मी-गणेश पूजा विधि (घर के लिए)
पूजन स्थल पर लाल वस्त्र बिछाकर चौकी स्थापित करें।
भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
पहले गणेश जी की पूजा करें, फिर पंचामृत और गंगाजल से माता लक्ष्मी का अभिषेक करें।
श्रृंगार सामग्री, फूल, फल, मिठाई और खीर का भोग लगाएं।
धूप-दीप जलाकर आरती करें और परिवार सहित श्रीसूक्त या लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।
Diwali 2025 Puja Muhurat: दीपावली का महत्व
ज्योतिषाचार्या शालिनी वैद्य के अनुसार दीपावली केवल प्रकाश का पर्व नहीं, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन लक्ष्मी और गणेश की पूजा से घर में स्थायी सुख और धन की वृद्धि होती है।
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