भागलपुर : डॉ. शालिनी रघुवंशमणि जो मध्य विद्यालय शंकरपुर चौवनिया नाथनगर की शिक्षिका हैं। इन्हें आज पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में वर्ष 2024 में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए शिक्षक दिवस पर बिहार शिक्षक सम्मान से नवाजी गईं। ये फरवरी 2014 से इस विद्यालय में कार्यरत हैं एवं जनवरी 2025 से विशिष्ट शिक्षिका के रूप में भी इसी विद्यालय में अपनी सेवा दे रही हैं।
‘सबको साथ लेकर चलने की कला की वजह से ये अपने विद्यालय में ही नहीं अपितु पूरे जिलेभर में शिक्षकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं’
आपको बता दें कि सबको साथ लेकर चलने की कला की वजह से ये अपने विद्यालय में ही नहीं अपितु पूरे जिले भर में शिक्षकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। अपने दायित्व के प्रति समर्पण के कारण इन्होंने सामान्य शिक्षिका से राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर तक का सफर तय किया है। भागलपुर जिले में चलने वाले विभिन्न प्रशिक्षण में इन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गर्व से कहा जा सकता है कि आज अपने जिले में विभिन्न प्रशिक्षण अथवा किसी भी विभागीय समझ को विकसित करने के लिए जिले के शिक्षक एक बार इनसे जरूर परामर्श करते हैं।
डॉ. शालिनी ने शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक संदर्शिका को तैयार करने में भी लेखन व संपादन का कार्य किया है
डॉ. शालिनी ने शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक संदर्शिका को तैयार करने में भी लेखन एवं संपादन का कार्य किया है। ये भागलपुर डायट द्वारा तैयार किए जाने वाले विभिन्न दीक्षा कोर्स में भी काम कर चुकी हैं। इनके द्वारा प्रस्तुत परिचय को जो कि खेलो बोलो भाषा सीखो के लिए था उसे जिले में ही नहीं राज्य स्तर में सराहना मिली। इनका स्वप्न अपने समाज में उन्नत स्तरीय नवाचारी शिक्षा से बदलाव लाने का है। इनकी सभी अधिगम सामग्री ‘लो कोस्ट नो कोस्ट’ पर आधारित होती हैं।
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डॉ. शालिनी यही नहीं ये एक साहित्यकार हैं
वहीं यही नहीं ये एक साहित्यकार हैं यही नहीं ये एक साहित्यकार हैं जिनकी विभिन्न रचनाएं राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीयस्तर पर प्रकाशित होती रहती हैं। समय-समय पर इन्हें विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से भी नवाजा जाता है। जिले भर के अधिकारियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों सहित राज्यस्तरीय मास्टर ट्रेनर संस्कृताचार्य डॉ. शिवनाथ रविदास उर्फ चहकनाथ भागलपुरी ने बधाई संदेश में इन्हें कहा है कि ये साक्षात् भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले और विद्या की देवी सरस्वती सदृश हैं।
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विवेक रंजन की रिपोर्ट
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