डिजिटल डेस्क : भूकंप के झटकों से होली की सुबह देश में कई स्थानों पर कांपी धरती। भूकंप के झटकों ने होली की सुबह शुक्रवार को देश में कई हिस्सों में धरती को बेतरह कंपा दिया। इससे लोगों में दहशत की माहौल देखा गया।
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हालांकि, भूकंप के इन झटकों से कहीं कोई जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। भूकंप के झटके जम्मू कश्मीर, लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश में आने की पुष्टि की गई है।
जम्मू कश्मीर में तीव्रता 5.2 रही
NCS (नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी) के मुताबिक, जम्मू -कश्मीर और लद्दाख में होली की सुबह पौ फटने से पहले भूकंप के झटके लगे जबकि अरूणाचल प्रदेश में पौ फटने के बाद।
NCS के मुताबिक, शुक्रवार सुबह लद्दाख के कारगिल में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में भी कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
यहां भूकंप शुक्रवार तड़के 2.50 बजे 15 किलोमीटर की गहराई पर आया था।

अरूणाचल में 4 की तीव्रता से लगे भूकंप के झटके
NCS के मुताबिक, अरूणाचल प्रदेश में भी सुबह 6 बजकर एक मिनट पर भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां भकूंप का केंद्र पश्चिम कामेंग रहा और भूकंप की तीव्रता 4 मापी गई।
यहां भकूंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया। बता दें कि भूकंपीय क्षेत्रों के हिसाब से इसे 4 सिस्मिक जोन में बांटा गया है।
इसमें सबसे खतरनाक सिस्मिक जोन V है, जहां पर भूकंप के झटके अक्सर महसूस किए जाते हैं। इस वजह से यहां पर भूकंप से होने वाले नुकसान का खतरा बना रहता है। वहीं जोन II में आने वाले क्षेत्रों में भूकंप का खतरा सबसे कम होता है।
देश की राजधानी दिल्ली सिस्मिक जोन IV में आती है, इसलिए यहां पर भूकंप के हल्के झटके आमतौर पर महसूस किए जाते हैं। इसके आस-पास के इलाकों में भी इसका असर देखने को मिलता है।

होली की सुबह भूकंप से दहशत में आए लोग
कुल मिलाकर, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में होली की सुबह भूकंप की वजह से लोगों में डर का माहौल है। लद्दाख में भूकंप की तीव्रता को 5.2 मापा गया और वहां भूकंप 15 किलोमीटर की गहराई पर था।
लेह और लद्दाख हिमालय क्षेत्र में मौजूद होने के कारण ये भूकंप जोन IV में आता है। यानी ये क्षेत्र भूकंप के लिहाज से ज़्यादा जोखिम भरे इलाकों में हैं. टेक्टोनिक रूप से सक्रिय हिमालय क्षेत्र में स्थित होने के कारण लेह और लद्दाख में अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते रहते हैं।
अरूणाचल प्रदेश में भूकंप की तीव्रता जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख की तुलना में कम रही लेकिन डराने वाली रही।