डिजिटल डेस्क : दक्षिण अमेरिकी देश चिली में आए भूकंप के तेज झटके से दहशत में लोग। दक्षिण अमेरिकी देश चिली के उत्तरी क्षेत्र में गुरूवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तिव्रता 6.1 की थी।
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इसके झटके अर्जेंटीना तक महसूस किए गए। इस भूकंप का केंद्र चिली के गांव सैन पेड्रो डी अटाकामा से 104 किलोमीटर साउथवेस्ट में था।
हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने या कोई बड़ा नुकसान होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। खास बात यह कि इस भूकंप के बाद चिली में सुनामी की चेतावनी भी जारी नहीं की गई है।
चिली में दोपहर में लगे भूकंप के झटके
चिली में तेज भूकंप के ये झटके वहां के समयानुसार गुरूवार दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर लगे। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वे (United States Geological Survey) ने बताया कि भूकंप का केंद्र सैन पेड्रो डी अटाकामा शहर से 104 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था, जो बोलीविया की सीमा के पास स्थित एक छोटा सा शहर है।

भूकंप की गहराई 93 किलोमीटर थी और यह दोपहर 12:21 बजे आया। चिली की राष्ट्रीय आपदा एजेंसी ने भूकंप को मध्यम तीव्रता का बताया।
एजेंसी ने कहा कि वह किसी भी संभावित नुकसान का आकलन करती रहेगी। एजेंसी ने यह भी बताया कि भूकंप से “सुनामी उत्पन्न करने की स्थिति” नहीं बनी है।

रिंग ऑफ फायर में स्थित है दक्षिण अमेरिकी देश चिली
दक्षिणी अमेरिका का देश चिली रिंग ऑफ फायर में स्थित है, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराने से भूकंप और सुनामी आती हैं। यहां टेक्टोनिक प्लेटें प्रशांत महासागर की सतह के नीचे टकराती हैं और भूकंप और सुनामी पैदा करती हैं।
चिली में 2010 में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप की दर्दनाक यादें अब भी लोगों के मन में ताजा हैं, जिसमें सुनामी आई थी और 526 लोगों की जान चली गई थी।
इसके बाद चिली ने आपातकालीन प्रक्रियाओं में सुधार किए हैं और इमारतों में शॉक-अवशोषक उपकरण लगाए हैं ताकि भविष्य में ऐसे नुकसान को कम किया जा सके।

साल 1960 में भी डोली थी दक्षिण अमेरिकी देश चिली में धरती
वर्ष 2010 से पहले साल 1960 में भी चिली की धरती डोली थी। यह 20वीं सदी में दर्ज किया गया सबसे बड़ा भूकंप था। न सिर्फ भूकंप दर्ज किया गया था बल्कि इससे सुनामी भी पैदा हुई थी।
तब भूकंप दोपहर 3.11 बजे चिली के तट से लगभग 100 मील (160 किमी) दूर, वाल्डिविया शहर में केंद्र था। आम तौर पर माना जाता है कि झटके की तीव्रता 9.5 थी।
इस भूकंप और सुनामी की वजह से 2 मिलियन से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे। साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्राकृतिक आपदा में 1,655 लोग मारे गए थे और 3 हजार से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।