Desk: दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार सुबह बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। छापेमारी अल फलाह यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े ट्रस्टियों सहित संबंधित व्यक्तियों के ठिकानों पर की जा रही है। कार्रवाई दिल्ली, फरीदाबाद और मध्य प्रदेश में एक साथ चल रही है।
जानकारी के अनुसार यह रेड व्हाइट कॉलर टेररिज्म और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की पड़ताल के तहत की जा रही है। जांच एजेंसी को संदेह है कि कुछ फाइनेंशियल लेन-देन और संस्थागत गतिविधियां ब्लास्ट केस से जुड़े वित्तीय नेटवर्क का हिस्सा हो सकती हैं।
किन ठिकानों पर रेड?
सबसे बड़ी कार्रवाई दिल्ली के ओखला में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दफ्तर में की जा रही है, जहां दस्तावेजों, डिजिटल रिकॉर्ड्स और वित्तीय लेनदेन से जुड़े डेटा की जांच हो रही है। फरीदाबाद में यूनिवर्सिटी से जुड़े कई ट्रस्टियों और अधिकारियों के आवास व कार्यालय भी सर्च की जद में हैं।
जांच एजेंसियों का फोकस:
जांच एजेंसी का मानना है कि मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए संदिग्ध नेटवर्क को फंडिंग की गई होगी, जिसकी पुष्टि के लिए अकाउंट बुक्स, ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड्स और ट्रस्ट से जुड़े दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है। ED की यह कार्रवाई पूरे नेटवर्क को उजागर करने और ब्लास्ट मामले से जुड़े आर्थिक पहलुओं को साफ करने के उद्देश्य से की जा रही है।
10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी एक सफेद हुंडई i20 कार में हुए विस्फोट ने पूरे देश को हिला दिया था। इस धमाके में 13 लोगों की मौत हुई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। प्रारंभिक जांच में इस घटना को आतंकी मॉड्यूल की साजिश बताया गया, जिसकी जांच वर्तमान में एनआईए (NIA) और दिल्ली पुलिस मिलकर कर रही हैं।
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