रांची/बोकारो: 103 एकड़ वन भूमि घोटाला – बोकारो जिले के तेतुलिया स्थित 103 एकड़ वन भूमि घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में बंद आरोपियों इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन से पूछताछ की। दोनों इस बहुचर्चित घोटाले के मुख्य अभियुक्त (किंगपिन) माने जा रहे हैं।
ईडी की पूछताछ का फोकस इस बात पर रहा कि आखिर 2022 में महेंद्र मिश्रा की महज 10 डिसमिल जमीन को फर्जी हस्ताक्षर और शुद्धि पत्र में हेराफेरी कर कैसे 74.38 एकड़ वन भूमि में बदला गया। अधिकारियों ने आरोपियों से पूछा कि इस फर्जीवाड़े में कौन-कौन शामिल थे, और इस पूरी प्रक्रिया में वित्तीय फंडिंग कहां से आई।
103 एकड़ वन भूमि घोटाला –
ईडी ने यह भी जानना चाहा कि जब महेंद्र मिश्रा को जमीन हेराफेरी की जानकारी हुई तो उसने वर्ष 2024 में इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, रहमत हुसैन, ललन सिंह और शैलेश सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया था। ईडी यह स्पष्ट करना चाह रही है कि इस जालसाजी के पीछे असली मास्टरमाइंड और वित्त पोषक कौन था।
हालांकि पूछताछ के दौरान इजहार और अख्तर हुसैन ईडी के सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। इससे पहले दोनों को इस मामले में सीआईडी ने 12 जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। चूंकि मामला अत्यधिक गंभीर है और आर्थिक एवं दस्तावेजी फर्जीवाड़े से जुड़ा है, इसलिए सीआईडी के साथ-साथ ईडी भी इसकी समानांतर जांच कर रही है।
ईडी ने पूछताछ के लिए कोर्ट से तीन दिन की अनुमति ली थी, जिसके बाद सोमवार को दोनों आरोपियों से पूछताछ शुरू हुई। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच एजेंसियां आगे किन-किन रसूखदारों तक पहुंचती हैं और इस बड़े जमीन घोटाले का पूरा नेटवर्क उजागर हो पाता है या नहीं।
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