Ranchi– चुनाव के करीबन छह माह गुजरने के बाद देवधर, सांसद निशिकांत दुबे पर पांच अलग-अलग थानों में चुनाव आचार संहिता उल्ल्धंन का मामला दर्ज करवाने के मामले में चुनाव आयोग द्वारा देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री पर की गई कार्रवाई से झारखंड की राजनीति में गरमाहट है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग पर केंद्र सरकार के इशारों काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सीबीआई, ईडी, आईटी के बाद अब चुनाव आयोग को आगे कर राज्य सरकारों की शक्तियों पर हमला बोला जा रहा है. क्या झारखंड के पदाधिकारियों पर कार्रवाई भारतीय चुनाव आयोग के इशारों पर होगा.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सामान्य दिनों में चुनाव आयोग को अधिकारियों के पदस्थापन को लेकर दिशा निर्देश जारी करने का कोई विशेषाधिकार नहीं है. चुनाव आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि प्राथमिकी देर से दर्ज की गई. लेकिन यह सबको मालूम है कि अपराध कभी मरता नहीं, यह पूरी कार्रवाई किसी खास व्यक्ति के इशारे पर हुई है. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा इसका पुरजोर विरोध करती है और चुनाव आयोग से आग्रह करती है कि इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न हो और भारतीय जनता पार्टी का अग्रणी संस्थान के रुप में आप मत आइये. देश के करोड़ों मतदातओं का विश्वास है चुनाव आयोग पर. आज उत्तर प्रदेश में जो हाल है उस पर चुनाव आयोग मौन क्यों है.
बता दें कि निशिकांत दुबे पर दर्ज प्राथमिकी मामले में भारतीय निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को देवघर डीसी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और कहा है कि
किसी भी चुनाव में बगैर चुनाव आयोग की इजाजत के देवघर डीसी को कार्यभार ना दिया जाए.
रिपोर्ट-मदन