कैमूर : जिले के चैनपुर कस्बा स्थित मदुरना पहाड़ी के पास पुलिस को सिर कटी मिली अज्ञात लाश की शिनाख्त के 72 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। अभी तक पुलिस न ही कटे हुए सिर को बरामद कर सकी है न ही हत्यारों का सुराग लगा पाई है। दर्दनाक घटना से मर्माहत स्थानीय लोगों एवं परिजनों का धैर्य जवाब देने लगा है। घटना को लेकर लोगों में आक्रोश पनप रहा है।
बता दें कि 10 जनवरी को चैनपुर थाना अंतर्गत मदुरना पहाड़ी के पास एक खेत के गड्ढे में पुलिस के द्वारा सिर कटी लाश बरामद की गई थी। लाश के पास गर्दन और सरि के नहीं होने से पुलिस ने शरीर को पंचनामा कर भभुआ स्थित सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद पहचान के लिए सुरक्षित रखा था। शव की पहचान 24 घंटे के अंदर ही चैनपुर निवासी 19 वर्षीय गुलाफ्शां परवीन के रूप में की गई थी। जो स्थानी निजी स्कूल संस्कारम में शिक्षिका थी।
बताया जाता है कि शिक्षिका का ददिहाल और ननिहाल चैनपुर में ही था। वो प्रतिदिन स्कूल से शैक्षणिक कार्य को अंजाम देने के बाद अपने ननिहाल में ही रात्रि विश्राम किया करती थी और दूसरे ही दिन प्रातः अपने दादी के घर जा कर नहाने खाने पीने व आवश्यक नित्य काम की अंजाम देकर स्कूल को जाया करती थी। घर से निकली शिक्षिका 10 तारीख से ही अचानक लापता हो गई। ननिहाल और ददिहाल के चक्कर मे परिजनों को अज्ञात लाश की सूचना मिली। तत्काल शिक्षिका की बड़ी बहन के द्वारा पोस्टमार्टम भभुआ में शव की पहचान कपड़े से की गई।
इस घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। साथ ही इस तरह की दर्दनाक घटना से चैनपुर पुलिस के हाथ पांव खड़े हो गए। जिस प्रकार हत्यारों द्वारा घटना की अंजाम दिया गया था हर कोई आधे शव को सिर से अलग देख कर विचलित हो गया था। मृत शिक्षिका के पिता मीर शमीम के द्वारा बिना सर के आधे शरीर को लेने से इनकार कर दिया गया था। घटना की सूचना मिलने पर एसपी कैमुर ललित मोहन शर्मा परिजनों के घर पहुंचकर जल्द ही हत्यारों की गिरफ्तारी और कटे सर के बरामद किए जाने का आश्वाशन दिया तब जाकर कटे शरीर को परिजनों ने मुस्लिम विधि विधान के द्वारा अंतिम संस्कार किया गया था।
घटना की जानकारी होने के बाद स्थानीय विधायक व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान भी 24 घंटे के बाद परिजनों के घर पहुंचे और पाताल से खोजकर अपराधियों का पता लगाने का आश्वासन दिया था। यह यहां बता दे कि जिस स्थान पर घटना घटित हुई थी उस स्थान से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के घर की दूरी करीब एक किलोमीटर के पास की बताई जाती है।
विवेक कुमार सिन्हा की रिपोर्ट