रिहायशी इलाके में चल रही है फैक्टरी, स्थानीय लोगों का विरोध

मौके पर प्रदूषण विभाग,मिली कई खामियां

धनबाद : धनबाद के रिहायशी इलाके में शुमार हंस बिहार के कॉलोनी के आवासीय परिसर में अवैध तरीके से चल रहे प्लास्टिक फैक्ट्री से सम्बंधित आरोप की जांच करने प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारी रामप्रवेश कुमार जांच करने पहुंचे।

टीम ने पाया कि वहां ब्लीचिंग पाउडर और फिनायल की छोटे-छोटे बॉटल और पैकेट में पैक करने की  पैकेजिंग यूनिट सांचलित है,साथ ही कैप्सूल सेप्लास्टिक  बोतल बनाने का काम भी चल रहा है।

विभाग ने संचालक को तलब करते हुए कागजात के साथ ऑफिस बुलाया है।वहीं  शिकायतकर्ता महिला तनुश्री मुखर्जी समेत अन्य लोगों ने कहा कि  जनबहुल क्षेत्र होने के बाद भी यहां पर बहुतायत मात्रा में फिनायल का निर्माण/रिफिलिंग होता है।

वर्षों से यहां निर्माण होने वाली फिनायल को कंपनी  के मालिक से लोगों ने अपने स्तर से हटाने का आग्रह ताकि बहुसंख्यक इलाके में किसी अप्रिय घटना ना घटे  लेकिन कंपनी के मालिक द्वारा इनकी बातों को दरकिनार करते हुए  फिनायल निर्माण का काम धड़ल्ले से चालू है ।

कम्प्रेशन से आस पास के कई घरों में कम्पन्न होता है।बदबू से लोग परेशान हैं।इतनी बड़ी जनसंख्या वाले क्षेत्र में इस तरह के कारखाने लगाना उचित नहीं है क्योंकि कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है क्योंकि इनकी फिनाइल बनाने  को लेकर जो कच्चा पदार्थ  ज्वलनशील होता है और प्लास्टिक के जारो (पात्र) में होता है अगर किसी प्रकार की आगजनी की घटना होती है तो यहां बहुत बड़ी अनहोनी हो जाएगी

वही फैक्ट्री संचालक संतोष मित्तल ने बताया कि उसके फैक्ट्री को ग्रीन कैटेगरी प्राप्त है इससे किसी तरह का कोई प्रदूषण नहीं होता है। राज्य स्तर पर दो बार उसे पुरस्कार मिल चुका है महिला सशक्तिकरण के लिए उनका या प्लांट चल रहा है। लगाए जा रहे हैं सभी आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत है।

पूरे मामले की जानकारी देते हुए जांच करने पहुंचे प्रदूषण विभाग ने बताया कि संचालक के पास वैध सीटीओ नही है। फिनाइल और ब्लीचिंग पाउडर की रिफिलिंग की जा रही थी। कम्प्रेशर की ध्वनि जांच की गयी तो वह तय मानक से ज्यादा थी।जांच जारी है कार्रवाई होगी।शिकायत करने वाली महिला के घर मे भी फायर  फाइटर गैस रिफिलिंग करने का कार्य चल रहा है जो उसकी जांच भी होगी।

रिहायशी इलाकों में ग्रीन केटेगरी कारखाना के नाम पर फैक्ट्री संचालन और विभाग को अंधेरे में रखकर अवैध तरीके से फिनाइल और ब्लीचिंग पाउडर का रिफिलिंग करना कहीं न कहीं विभाग को आंख में धूल झोंकने का प्रयास कर कई विभागों के राजस्व को चुना लगाने की कोशिश है। अगर कोई बड़ी घटना हुई तो आने वाले वक्त में इससे जनमानस को बेहद नुकसान पहुंच सकता है।आवश्यकता है ऐसे संचालकों पर कार्रवाई करें ताकि रिहायशी और आवासीय इलाकों में भविष्य में कोई बड़ी घटना न घटे।सहयोगी मुन्ना कुमार के साथ धनबाद से राजकुमार जायसवाल की रिपोर्ट.।

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