बोकारो मे एक नंदी का समाधि लेना कौतूहल के साथ साथ चर्चा का विषय बना हुआ है।
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यह सर्व विदित है की शिव परिवार का एक हिस्सा नंदी भी है और नंदी ने अपने आराध्य देव, देवो के देव महादेव के
समक्ष अपने प्राण त्याग कर लोगो की आस्था को और प्रगाढ़ किया है। मामला बोकारो शहर के सेक्टर 2 सी स्थित
नर्मदेश्वर शिव मंदिर का है जहां समाधि लेने पहले नंदी ने घंटो मंदिर की चौखट पर अपने ईस्ट देव की आराधना की और
फिर वही चौखट पर अपने प्राण त्याग दिए।
जब आसपास के लोगो को पता चला तो लोग भी इस घटना से आश्चर्य चकित हो गया।
मामला बोकारो के सेक्टर 2 सी के नर्मदेश्वर शिव मंदिर का है।
भगवान भोलेनाथ के दरवाजे पर बैठकर नंदी महाराज का इस तरह से शरीर का परित्याग करना और मरने से पहले काल
के देव महादेव की इस तरह से आराधना करना चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगो की माने तो अंत काल में नंदी देवो के
देव महादेव के पास आराधना किए। नंदी का मुंह भगवान भोलेनाथ के तरफ था और ठीक मंदिर के चौखट के पास मरने
से पहले अराधना करना कौतूहल के साथ साथ आस्था का भी विषय है की क्या नंदी अपनी मौत के बारे मे जानता था कि
उसका अंत नजदीक है क्योंकि विज्ञान भी कहता है की कोई आपदा आती है तो सबसे पहले जानवरों को पता चलता है।
ऐसे में मरने से पहले भगवान भोले नाथ के चौखट मे घंटो बैठे रहना और प्राण त्याग देना चर्चा का विषय बना हुआ है।
और मंदिर में लोग पूजा पाठ करने पहुंच रहे है।
नंदी का समाधि
नंदी के प्राण त्याग देने के बार उपस्थित लोगों ने नंदी महाराज के शरीर को स्थानीय लोगों के सहयोग से दफनाया गया है।
वहां महिलाओं द्वारा नियमित रूप से पूजा अर्चना शुरू कर दिया गया है। लोक आस्था के मुताबिक मंदिर पर बैठकर नंदी
महाराज भगवान शंकर की तरफ अपने मुंह कर शरीर का त्याग के बाद भी नदी का भगवान शिव के सीढ़ी पर ही रहा
ऐसे में लोगों ने उन्हें उनके पार्थिव शरीर पर फूल माला तथा चांदनी ओढ़ाकर उनके शव को दफनाया।
Report : Chuman Kumar