पुलिस बर्बरता के खिलाफ किसानों का फूटा गुस्सा, फूंके वाहन

BUXAR: बक्सर में पुलिस को उसकी बर्बरता और संवेदनहीनता काफी भारी पड़ा. किसानों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करने के खिलाफ आज उग्र किसानों ने पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया.


दरअसल बक्सर में आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने मंगलवार देर रात लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं-पुरुषों के साथ ही बच्चों पर बर्बरतापूर्वक लाठी बरसाईं. इससे नाराज किसानों ने सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया.
उग्र किसानों ने सड़कों पर खड़ी बसों में आग लगा दी और पुलिस की गाड़ियां भी फूंक डालीं.

क्या है पूरा मामला


बक्सर के चौसा प्रखंड के बनारपुर के किसान पिछले 2 महीने से उचित मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. घर में सो रहे किसानों पर करीब रात 12 बजे घर में घुसकर लाठियां बरसाई. इस घटना का वीडियो परिजनों ने मीडिया से साझाकर यह पूछ रहे हैं कि अपराधियो के सामने घुटने टेक देने वाली पुलिस ने आखिर हमें इतनी बर्बरता से क्यों मारा.


उचित मुआवजे की किसान कर रहे है मांग


चौसा में एसजेवीएन के द्वारा पावर प्लांट के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण 2010-11 से पहले ही किया गया था. किसानों को 2010 -11 के अनुसार मुआवजे की भुगतान की गई थी.

पुनः कम्पनी के द्वारा 2022 में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की कार्रवाई शुरू की गई जिसके बाद किसान अब वर्तमान दर के हिसाब से वर्तमान में अधिग्रहण की जाने वाली जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

जबकि कम्पनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जबरदस्ती

जमीन अधिग्रहण कर रही है जिसके विरोध में पिछले 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे है. जिसपर पुलिस ने रात घर में

घुसकर महिलाओ पुरुष बच्चो पर बर्बरता पूर्ण लाठी बरसाईं है.


क्या कहते हैं अधिकारी


घटना के बारे में मुफस्सिल थाने के थानेदार अमित कुमार ने कहा कि

एसजेवीएन पावर प्लांट के द्वारा जिन जिन किसानों पर एफआईआर दर्ज

किया गया था जब पुलिस रात्रि में पकड़ने गई तो पहले उनलोगों ने

हमला किया जिसके बाद पुलिस ने लाठियां बरसाईं.
गौरतलब है कि जिस किसानों पर जिले के बड़े पुलिस अधिकारी

से लेकर थानेदार के द्वारा हमला करने का आरोप लगाकर

किसानों की पिटाई करने की बात कही जा रही है.

उस पुलिस का चेहरा उस सीसीटीवी फुटेज ने बेनकाब कर दिया है.

जिसमे साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस किसान के घर के बाहर

पहले से खड़ी है और दरवाजा बंद है। हालांकि पुलिस को

इस बात की भनक तक नही थी कि ग्रामीण इलाके के किसान भी अपने यंहा सीसीटीवी लगाए होंगे.

रिपोर्ट: चंदन

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