टपक सिंचाई से करें खेती, मालामाल हो रहे किसान

रांचीः टपक सिंचाई परियोजना की सीएम हेमंत सोरेन ने समीक्षा की. उन्होंने टपक सिंचाई पर जोर देते हुए बताया कि झारखण्ड बागवानी सघनीकरण टपक सिंचाई परियोजना ने राज्य की हजारों महिला किसानों के जीवन में बदलाव की नई कहानी लिखी है. उन्होंने पश्चिमी सिंहभूम के तांतनगर प्रखण्ड के चिरची गांव का उदाहरण देते हुए बताया कि परंपरागत तरीके से खेती कर सालाना 20-25 हज़ार रुपये महिलाएं कमाती थी, अब वह टपक सिंचाई परियोजना से जुड़कर सालाना 80-90 हज़ार रुपये का कमा रहीं हैं.

कम लागत और कम पानी में दोगुना हो रहा मुनाफा

उन्होंने बताया कि राज्य के 9 जिलों के 30 प्रखण्ड में इस परियोजना को चलाया जा रहा है. अब तक पूरे राज्य में करीब 11800 किसान सूक्ष्म टपक सिंचाई और अन्य सुविधाओं को लेकर ज्यादा उत्पादन कर कमाई को दोगुना बढ़ाया है. अबतक इस परियोजना से जुड़ने के लिए करीब 23 हजार किसानों का पंजीकरण हो चुका है. राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में किसानों को नई तकनीक से लैस करना है, ताकि राज्य के कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी उन्हें सिंचाई समेत किसी प्रकार की दिक्कत ना हो.

कृषि कार्यों से उद्यमी बनते कृषक

राज्य के किसानों को टपक सिंचाई के जरिए कम पानी में बेहतर फसल उपजाने के लिए प्रशिक्षण के साथ अन्य सुविधा मुहैया करायी जा रही है. जिसका उद्देश्य राज्य के किसानों को स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल कृषि के जरिए सब्जी उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज करवाना है. सरकार अपने उद्देश्य में सफल भी हो रही है, जिससे हजारों कृषक जो पहले साल में एक फसल पर निर्भर रहते थे, अब साल में तीन-चार फसल उपजाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं.

ओरमांझी की सुनीता देवी ने पेश की मिशाल

सीएम हेमंत सोरेन ने बताया कि ओरमांझी की रहनेवाली महिला किसान सुनीता देवी ने सिंचाई की कठिनाई को टपक सिंचाई से दूर करते हुए दूसरे किसानों के लिए एक मिसाल पेश की है. आज सुनीता ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी के तहत झारखण्ड बागवानी सघनीकरण टपक सिंचाई परियोजना से जुड़कर टपक सिंचाई से खेती शुरू कर अच्छी आमदनी कर रही है. वहीं सुनीता ने बताया कि टपक सिंचाई योजना से उनकी जिंदगी में काफी बदलाव आया है. पहले सिंचाई के लिए सिर्फ कुआँ था, जो अक्सर सूख जाता था. जिस कारण हम सिंचाई के लिए पूरी तरह बारिश पर ही आश्रित थे. अब ड्रिप के लग जाने के बाद खेती करना काफी आसान हो गया है. आज एक साथ कई तरह की फसल की खेती कर सालाना 1.5 लाख रुपये तक की आमदनी कर ले रही हूं.

रिपोर्ट-प्रतीक सिंह

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