Ranchi: झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने राज्य में गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना (Guruji Credit Card) के तहत लंबित आवेदनों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। बुधवार को आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) की 93वीं त्रैमासिक बैठक में मंत्री ने बैंकों को फटकार लगाते हुए 15 दिसंबर 2025 तक गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के सभी लंबित 1400 आवेदन निपटाने का निर्देश दिया।
वित्त मंत्री ने स्पष्ट कहा कि बैंकों को वंचित वर्गों और युवाओं के रोजगार व उद्यमिता को बढ़ावा देने में तत्परता दिखानी होगी। बैठक में वित्त विभाग के अधिकारी, भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड, राज्य के अग्रणी बैंक और 24 जिलों के जिला प्रबंधक शामिल हुए।
Guruji Credit Card – राज्य की आर्थिक प्रगति में बैंकिंग क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण:
अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के आर्थिक विकास में बैंकिंग क्षेत्र की भूमिका अहम है। उन्होंने बताया कि राज्य का ऋण-जमा अनुपात पिछले तिमाही के 51.32% से बढ़कर 52.48% हुआ है, जो सकारात्मक संकेत है।
मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता समावेशी वित्तीय विकास है, ताकि समाज के हर वर्ग तक बैंकिंग सेवाएं और ऋण पहुंच सके। उन्होंने बैंक अधिकारियों से आग्रह किया कि वे ग्रामीण इलाकों, किसानों, लघु उद्यमियों और स्वरोजगार से जुड़े युवाओं को सहज ऋण सुविधा उपलब्ध कराएं।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में खराब प्रदर्शन पर नाराजगी:
वित्त मंत्री ने बैठक के दौरान 19 बैंकों के सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन पर नाराजगी जताई। साथ ही उन्होंने देवघर, पश्चिम सिंहभूम, रांची सहित 6 जिलों में DCC/DLBC बैठकें नहीं होने पर भी असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कई बैंक SLBC को समय पर आंकड़े नहीं दे रहे, जिससे निगरानी में कठिनाई हो रही है।
मंत्री ने इंडसइंड बैंक का NPA 11 गुना बढ़ने और Fino Bank के निष्क्रिय बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट्स की संख्या कम न होने पर भी कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने तत्काल सुधार के निर्देश दिए और कहा कि योजनाबद्ध प्रयासों से वित्तीय प्रणाली को सशक्त बनाया जा सकता है।
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