गया : गया में एक ऐसा शख्स जो गरीबों के लिए मसीहा कहलाता है। न जाने कितने सालो से बना है गरीबों का मसीहा। जी हां हम बात कर रहे है गया जिले के बाराचट्टी के रोहि पंचायत के पूर्व मुखिया नंदकिशोर यादव जो लोगों के दुख और परेशानियों में उनकी हर संभव मदद करते है। किसी की मौत में या किसी गरीब की बेटी की शादी हो या पैसे से किसी की मदद हो हर समय तैयार रहने वाला गरीबों का मसीहा नंदकिशोर यादव है। जो सबने एक फरिस्ता के रूप नंदकिशोर यादव को अपनी चौखट पर खड़ा पाया।
इसी कर्म में आज जीवितपुत्रिका व्रत यानि जितिया पर्व में लगातार 25 सालों से पूर्व मुखिया नंदकिशोर यादव जो गया जिले के बाराचट्टी के रहने वाला है। हर साल गरीब और असहाय औरतों को साड़ी और बूढ़े लोगों को धोती के साथ नगद पैसे और भर पेट भोजन करवाते आ रहे हैं। हम बता दें कि पूर्व मुखिया नंदकिशोर यादव करीब 600 सौ साड़ियों और कुछ धोतियों का गरीब और असहाय लोगों के बीच वितरण किया। साथ ही साथ साथ भरपेट भोजन कराया और सभी लोग काफी खुश दिखे।
बता दें कि इस कार्यक्रम में कुछ मुस्लिम महिलाएं भी दिखी जो साड़िया ले रही थी। इस पूरे कार्यक्रम में कोई जातिये असमानता नहीं दिखा। जबकी जितिया हिन्दुओं का पर्व है। जोकि संतान के लंबी आयु के लिए हिंदू माताएं करती है। वहीं इस कार्यक्रम में बाराचट्टी के पूर्व विधायिका समता देवी भी शामिल हुई। वहीं इस संदर्भ में पूर्व मुखिया नंदकिशोर यादव ने बताया कि जितिया पर्व के अवसर पर गरीब और असहाय लोगों के बीच करीब 25 सालों से महिलाओं बीच साड़ी तथा बुजुर्ग के बीच धोती बाटने का काम करता है।
उन्होंने बताया कि जब हम मुखिया नहीं थे फिर भी हम अपने गांव में ही लोगों के बीच साड़ी और धोती बाटने का काम करते थे। जब हम मुखिया बने तो पूरे पंचायत को सर्वेक्षण कर के पूरे पंचायत के गरीब और असहाय लोगों के बीच आज 500 साड़ी तथा 100 पीस धोती बाटने का काम किए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हम मुखिया के चुनाव में हार गए हैं। उसके बाद भी आज गरीबों के बीच साड़ी और धोती बाटने का काम किए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक जिंदा रहेंगे तबतक हम ये काम करते रहेंगे और हर समय गरीबों के लिए तत्पर रहेंगे।
आशीष कुमार की रिपोर्ट