Fresh Political Violence in Bengal : नंदीग्राम में फिर सियासी हिंसा में मौत, मौके पर पहुंचे शुभेंदु अधिकारी ने लगाई पुलिस की क्लास

Fresh Political Violence in Bengal

Nandigram : Fresh Political Violence in Bengal – पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम फिर सियासी हिंसा में जल उठा। यहां छठें चरण के लोकसभा चुनाव के मतदान से पहले तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प में एक महिला भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो गई जबकि 7 अन्य के घायल हुए हैं।

गुरूवार को पूरे दिन स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के फ्लैग मार्च के बाद हालात तो काबू में है लेकिन तनावपूर्ण है। इसी बीच राज्य के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक दल नेता शुभेंदु अधिकारी तीसरे पहर तमतमाए हुए पहुंचे और सीधे थाने में घुसे। वहां मिले पुलिस अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई।

हैं। गुरूवार को पूरे दिन स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के फ्लैग मार्च के बाद हालात तो काबू में है लेकिन तनावपूर्ण है।
हिंसाग्रस्त नंदीग्राम में फ्लैग मार्च करते केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान

शुभेंदु बोले- ‘थाने में कातिलों ने की थी मीटिंग, थानेदार को मजा चखाउंगा’

थाने के भीतर शुभेंदु अधिकारी जब पुलिस वालों पर बरसे, गरजे और दहाड़े तो मौजूद पुलिस वालों से कुछ जवाब देते नहीं बन पड़ रहा था। सिर्फ जांच होने की बात कही जा रही थी लेकिन शुभेंदु शांत नहीं हुए। शुभेंदु ने तमतमाए लहजे में चेताते हुए कहा – ‘जिनकी मौत हुई है वह केवल भाजपा कार्यकर्ता संजय आड़ी की मां रथीबाला नहीं थीं, वह मेरी भी मां थीं। उनकी हत्या से पहले कातिल इसी थाने में आए थे और थानेदार के साथ मीटिंग की थी।

वह मीटिंग किसलिए हुई, क्या बातें हुईं, कातिलों से थाने के ही भीतर मीटिंग से लोगों को क्या संदेश देने की कोशिश थी, इन सवालों का जवाब मेरे साथ ही नंदीग्राम की हर आम आदमी को चाहिए। जवाब न मिला तो फिर जनता जवाब देगी। थानेदार को मैं ही मजा चखाउंगा’।

नंदीग्राम फिर सियासी हिंसा में जल उठा। यहां छठें चरण के लोकसभा चुनाव के मतदान से पहले तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प में एक महिला भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो गई जबकि 7 अन्य के घायल हुए हैं।
नंदीग्राम में ताजा सियासी हिंसा का मंजर

नंदीग्राम हिंसा में तृणमूल ने खुद को बेदाग बताया, भाजपा ने तृणमूल पर मढ़ा आरोप

पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प में बुधवार देर रात भाजपा की रथीबाला आड़ी की मौत हो गई थी जबकि उनके बेटे संजय आड़ी समेत 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय तृणमूल नेताओं ने पुलिस बल के मौके पर पहुंचकर बल प्रयोग किए जाने के बाद कहा कि इस हिंसा से तृणमूल का कोई लेना देना नहीं है।

तृणमूल नेताओँ ने आरोप लगाया कि भाजपा के दो गुटों में तनातनी के चलते यह हिंसा हुई जबकि भाजपा विधायक दल नेता शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल के बयान को बकवास बताया है। यह घटना नंदीग्राम के सोनचूरा गांव की बताई जा रही है। भाजपा का आरोप है कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने धारदार हथियार से हमला किया।

नंदीग्राम ही वह इलाका है जहां कुछ साल पहले हुई सियासी हिंसा ने पश्चिम बंगाल की सत्ता बदल दी थी और वाममोर्चा का एकछत्र राज को खत्म कर पहली बार तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई। उस समय मौजूदा सीएम के नंदीग्राम में भरोसेमंद सियासी सिपहसालार यही शुभेंदु अधिकारी थे जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।
नंदीग्राम हिंसा की वह ऐतिहासिक तस्वीर जिसमें ममता बनर्जी के संग शुभेंदु अधिकारी भी हैं जो वाममोर्चा के खिलाफ बदलाव की नंदीग्राम में बुनियाद बने थे

नंदीग्राम से ममता ने वाममोर्चा को धूल चटाई थी, तब मौजूदा भाजपाई शुभेंदु उनके साथ थे

पूर्व मेदिनीपुर सहित जंगलमहल के जिलों की आठ सीटों पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है। गुरुवार को चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था। पश्चिम बंगाल में तमलुक, कांथी, घाटाल, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुड़ा और विष्णुपुर लोकसभा सीटों के लिए चुनाव प्रचार का शोर गुरूवार शाम को थम गया।

इनमें से नंदीग्राम ही वह इलाका है जहां कुछ साल पहले हुई सियासी हिंसा ने पश्चिम बंगाल की सत्ता बदल दी थी और वाममोर्चा का एकछत्र राज को खत्म कर पहली बार तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई। उस समय मौजूदा सीएम के नंदीग्राम में भरोसेमंद सियासी सिपहसालार यही शुभेंदु अधिकारी थे जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।

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