Ranchi : अमन साहू नाम तो सुना होगा। ये वो नाम है जो इस वक्त झारखंड के साथ-साथ पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह शख्स कोई आम नहीं है। झारखंड में अपराध के सबसे बड़े नामों में शुमार अमन साहू कुख्यात गैंगस्टर के नाम से जाना जाता था। उसका खौफ इतना था कि पुलिस वाले भी उसके नाम से कांपते थे। खौफ हो भी क्यों ना, महज 29 साल की उम्र में वह अपराध की दुनिया का ऐसा नाम बन गया था जिसके नाम से ही लोग भयभीत नजर आते थे।
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महज 29 साल की उम्र में बना पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द
आखिर वह झारखंड का इतना पावरफुल और इतना बड़ा गैंगस्टर बना कैसे। अमन साहू राजधानी रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र में स्थित मतवे गांव का रहने वाला है। अमन एक साधारण से किसान परिवार से आता है। हालांकि कुछ सालों बाद ही अमन के पिता निरंजन साहू रामगढ़ जिले के पतरातू में आकर बस गए। यहां उन्होंने एक किराने की दुकान खोली और परिवार का लालन पोषण करते थे।
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अमन बचपन में बहुत ही होनहार बच्चा था। पतरातू में ही उसने मैट्रिक और इंटर की परीक्षा भी पास की थी। इंटर की परीक्षा पास करने के बाद साल 2008 में उसने पतरातू में ही एक मोबाइल की दुकान खोली और अपना जीवन-यापन करता था। उस दरमियान उसका सबकुछ ठीक चल रहा था।

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अपराध की दुनिया में आने से पहले मोबाइल दुकान चलाता था
इसी दौरान उसकी मुलाकात भोला पांडये गिरोह और सुशील श्रीवास्तव से हुई। बस यहीं से उसकी जिंदगी ने ऐसी करवट ली कि फिर वह पीछे मुड़कर देख ना सका। जल्दी पैसे कमाने की लालच ने उसे अपराध की दुनिया में धकेल दिया। सबसे पहले उसका कारनामा तब सबके सामने आया जब उसने बर्नपुरा सीमेंट फैक्ट्री में फायरिंग की।
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हालांकि फायरिंग के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मामले में अमन को करीब 10 महीने जेल की हवा खाना पड़ा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात जेल में कई बड़े अपराधियों से हुआ। जिसके बाद उसे लगने लगा वह भी एक बड़ा गैंग चला सकता है। जिसके बाद उसने भोला पांडेय गिरोह को छोड़कर अपना खुद का गैंग खड़ा कर लिया।
2013 में पहली बार बनाया था खुद का गिरोह
2013 में अमन साहू ने अपना खुद का गैंग तैयार कर लिया जिसके बाद वह लगातार हजारीबाग और रामगढ़ जिले के कई इलाकों में दहशत फैलाकर रखा था। धीरे उसने रांची, बोकारो, धनबाद, चतरा, पलामू, गढ़वा इलाकों में अपना पैर पसारना शुरु किया। सिर्फ यही नहीं उसका नेटवर्क झारखंड से बाहर के गैंग के साथ भी फैलने लगा। इंडिया का मोस्ट वांटेड क्रिमिनल लॉरेंस बिस्नोई से भी अमन साहू के संबंध थे।
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दोनों के बीच हथियारों का लेन देन भी था। सिर्फ यही नहीं उसका नेटवर्क कनाडा और मलेशिया तक फैला हुआ था। अमन पर हत्या, रंगदारी, फिरौती, फायरिंग से लेकर करीब 100 से भी ज्यादा मामले दर्ज थे। यही कारण था कि उसके खिलाफ लोगों में भय का माहौल था। उसका वर्चस्व लगातार बढ़ता ही जा रहा था। इसी बीच 11 मार्च को पुलिस एनकाउंटर में वह मारा गया।