डायबिटीज रोगियों के लिए लहसुन कई तरह से फायदेमंद है। हालांकि, जो लोग लहसुन का सेवन नियमित रूप से करते हैं वे दिल की बीमारी से नहीं जूझते।
जिन लोगों को मधुमेह है वे पर्याप्त इंसुलिन का प्रोडक्शन करने में असमर्थ होते हैं या कहें कि इंसुलिन का प्रयोग ही नहीं कर पाते हैं। इससे ब्लड शुगर इफेक्ट होता है और आप तो इसकी निगरानी करना बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसा करने का एक तरीका है प्रत्येक भोजन के ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) स्कोर की जांच करना है। जीआई दिखाता है कि एक निश्चित भोजन आपके ब्लड शुगर लेवल को कितना बढ़ा सकता है।
जीआई डेली डाइट की प्लानिंग और हाई कार्बोहाइड्रेट के कॉम्बिनेशन से बचने में मदद करता है। एक निम्न जीआई 1 और 55 के बीच है और उच्च 70 और उससे अधिक है। अब आपको यह जानना जरूरी है कि लहसुन जैसे प्राकृतिक खाद्य पदार्थ जो कार्बोहाइड्रेट से भरपूर नहीं हैं क्या वे आपके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकते हैं।
लहसुन के पोषक तत्व
लहसुन में कैल्शियम, आयरन, कॉपर, पोटैशियम और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके यही गुण इसे उत्तम औषधि बनाते हैं। क्योंकि ये सभी पोषक तत्व आपके शरीर को अंदर से पोषण देने के लिए आवश्यक होते हैं। आयरन ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है तो कैल्शियम हड्डियों को मजबूती देता है। वहीं सेहत को बनाए रखने में कॉपर और पोटैशियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
दिल की सेहत के लिए लाभकारी है लहसुन का सेवन
अधिकांश लोग सुरक्षित रूप से लहसुन का सेवन कर सकते हैं। कुछ लोगों को स्वाद, गंध या तीखापन एक समस्या हो सकती है। लहसुन में कई तरह के बायोऐक्टिव कंपाउंड्स पाए जाते है, जो आपके शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाते हैं। इनमें हार्ट की बीमारी से लेकर त्वचा संबंधी रोग भी शामिल हैं। लहसुन का सेवन हृदय रोग की घटनाओं को भी कम कर सकता है, एक ऐसी स्थिति जो मधुमेह वाले लगभग 80 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करती है।
इन रोगों को भी दूर कर देता है लहसुन
*लहसुन कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और ब्लड लिपिड के लेवल को कम करके दिल के स्वास्थ्य में सुधार करता है।
*लहसुन रक्तचाप को कम करने में मददगार है। यही कारण है कि एक्सपर्ट्स हाई कोलेस्ट्रॉल के लेवल और हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करने के लिए लहसुन खाने की सलाह देते हैं।
*लहसुन के खाने से ट्यूमर के प्रभाव से बचा जा सकता है।
*यह कैंसर कोशिका वृद्धि को भी रोकने में मददगार है।
*लहसुन में एंटीबैट्कीरियल और एंटिफंगल गुण होते हैं जिसके कारण कई वायरल बीमारियों के जोखिम को भी कम करता है।
अपने आहार में लहसुन कैसे शामिल करें
सब्जी, दाल और कड़ी के अलावा आप लहसुन की चटनी का सेवन कर सकते हैं। अगर आप खाने में लहसुन को पसंद नहीं करते हैं तो इसकी कच्ची कलियों को कैप्सूल के तौर पर खा सकते हैं। कच्चा लहसुन बहुत अच्छे परिणाम देता है।वहीं यदि आपको स्वाद से कोई आपत्ति नहीं है, तो अपने सलाद में लहसुन की कुछ बारीक कटी हुई कलियां मिलाएं।अगर आपको लहसुन की गंध और स्वाद दोनों पसंद है तो आप ताजे लहसुन के पत्तों का साग अपने आहार में ले सकते हैं। वसंत के मौसम में किसान बाजारों और स्थानीय उपज की दुकानों पर पत्तेदार लहसुन का साग खूब उपलब्ध होता है। आप इसका प्रयोग सलाद में भी कर सकते हैं। कच्चा लहसुन कलियों को एक सुबह एक गिलास पानी के साथ गटकने से आपका पाचन हमेशा ठीक रहता है और पाचन संबंधी विकार भी दूर रहते हैं। इस तरह के सेवन से वेट लॉस में भी मदद मिलती
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