Ghaziabad : 30 जून, 2006 में आगरा में एक युवक जिंदा जल गया था। शिनाख्त गाजियाबाद के कपड़ा कारोबारी विजयपाल ने अपने बेटे अनिल के रूप में की।
पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाई और कारोबारी ने बेटे का 56 लाख रुपये का बीमा क्लेम ले लिया। गोपनीय शिकायत पर अहमदाबाद पुलिस ने जांच की तो 18 साल बाद हादसे का चौंकाने वाला पर्दाफाश हुआ।
कारोबारी ने बेटे अनिल का बीमा पाने के लिए कार में एक भिखारी को जिंदा जला दिया था। गुजरात पुलिस ने अहमदाबाद में अनिल को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने साजिश में शामिल रामवीर सिंह को जेल भेज दिया है। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि 2006 में विद्युत पोल से टकराने के बद जली कार में ड्राइविंग सीट पर बैठा युवक पूरी तरह जल गया था।
पुलिस ने कार नंबर के आधार पर मूलरूप से भट्टा पारसौल (दनकौर) निवासी विजयपाल सिंह से संपर्क किया। विजयपाल ने बताया कि उनका बेटा कारोबार को लेकर कार से आगरा गया था,उसने जले हुए शव की पहचान अनिल के रूप में की।
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